अन्तर्जात बल एवं प्राकृतिक घटनाएं

अन्तर्जात बल एवं प्राकृतिक घटनाएं

Category :

अन्तर्जात बल एवं प्राकृतिक घटनाएं

 

विश्लेषणात्मक अवधारणा

 

भूकंप भूपटल का कम्पन अथवा लहर है. जो धरातल के नीचे चट्टानों के लचीलेपन या गुरुत्वाकर्षण की समस्थिति में क्षणिक अव्यवस्था “होने के कारण उत्पन्न होता है। ज्वालामुखी भू-पटल पर वै छिद्र या विविर हैं जिनसे मैग्मा, जलवाष्प, गैस व राख का उदगार होता रहता है। ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं- सक्रिय ज्वालामुखी, सुषुप्त ज्वालामुखी, मृत ज्वालामुखी। सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है जो तब उत्पन्न होती हैं जब समुद्र या झील में जल की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है।

 

भूकम्प

  • भूकम्प का साधारण अर्थ है भूमि का कांपना अर्थात पृथ्वी का हिलना। अचानक झटके से प्रारंभ हुए पृथ्वी के कंपन , को भूकंप कहते हैं। जब चट्टानों में कोर्इ आकस्मिक हलचल होती है तो उससे कंपन पैदा होता है उसी प्रकार भू-पर्पटी में आकस्मिक कंपन पैदा होता है जिससे तरंगें उत्पन्न होती है। तरंगे अपनी उत्पत्ति केंद्र से चारो ओर आगे बढ़ती हैं।
  • भूकंप का केंद्र तथा अभिकेंद्र - विश्व के अधिकांश भूकंप भूतल से 50 से 100 किमी. की गहरार्इ पर उत्पन्न होते हैं। जिस स्थान पर ये उत्पन्न होते है उसे उदगम केंद्र कहते हैं। इस उदगम केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी के धरातल पर स्थित स्थान को अधिकेंद्र कहते हैं। भूकम्पीय तरंगें उद्गम केंद्र से सभी दिशाओं में चलती हैं।
  • भूकंपलेखी - भूकंपलेखी एक बहुत ही संवेदनशील यंत्र है जो हजारों किमी. दूर उत्पन्न हुए इतने कम शक्ति वाले छोटे भूकंपो का भी अभिलेख कर सकता है जिनकी पहचान सामान्यत: मानव अनुभूतियों द्वारा नहीं की जा सकती। इसकी रचना जड़त्व के सिद्धांत पर आधारित है।

 

भूकंपों का वितरण

  1. प्रशान्त महासागरीय पेटी - विश्व के \[68%\] भूकंप प्रशान्त महासागर के तटीय भागों में आते हैं। इसे अग्निवलय (Ring of fire) कहते है। यहां पर ज्वालामुखी भी सबसे अधिक है। चिली, कैलीफोर्निया, अलास्का, जापान, फिलीपाइन, न्यूजीलैंड तथा मध्य महासागरीय भागों मे हल्के तथा भीषण भूकम्प आते रहते है।
  2. मध्य विश्व पेटी - इस पेटी में विश्व के \[21%\] भूकंप आते हैं। यह पेटी मैक्सिको से शुरू होकर अटलांटिक महासागर, भूमध्यसागर, आल्प्स से होती हुर्इ हिमालय पर्वत .तथा उसके समीपवर्ती क्षेत्रों तक फैली हुर्इ है।
  3. अन्य क्षेत्र - शेष \[11%\] भूकम्प विश्व के अन्य भागों में आते है । कुछ भूकंप अफ्रीकी झीलों, लाल सागर तथा मृत सागर वाली पट्टी में आते है।

 

ज्वालामुखी

  • ज्वालामुखी पृथ्वी पर होने वाली एक आकस्मिक घटना है। इससे भू-पटल पर अचानक विस्फोट होता है, जिसके द्वारा लावा गैस, धुआं, राख, कंकड, पत्थर आदि बाहर निकलते हैं।
  • इन सभी वस्तुओं का निकास एक प्राकृतिक नली द्वारा होता है जिसे निकास नालिका कहते हैं।
  • लावा धरातल पर आने के लिए एक छिद्र बनाता है जिसे विवर या क्रेटर कहते है।
  • लावा अपने विवर के आस पास जम जाता है और एक शंकु के आकार का पर्वत बनाता है। इसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं।
  • कर्इ बार लावा मुख्य नली के दोनो ओर के रन्ध्रों में से होकर निकलता हैं, और छोटे - छोटे शंकुओं का निर्माण करता है। जिन्हें गौण शंकु कहते है।
  • सभी ज्वालामुखी मैग्मा से बनते है। मैग्मा धरातल के नीचे गर्म पिघला हुआ पदार्थ है जो धरातल पर लावा या ज्वालामुखी चट्टानी टुकड़ों के रूप मे बाहर आता है।

 

ज्वालामुखी के प्रकार

 

ज्वालामुखी मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार के होते हैं -

  1. सक्रिय ज्वालामुखी - इस प्रकार के ज्वालामुखी मे प्राय: विस्फोट तथा उदभेदन होता ही रहता है तथा समय-समय पर लावा, धुआं तथा अन्य पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं और शंकु का निर्माण होता रहता है। सिसली द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी प्रत्येक 15 मिनट बाद सक्रिय हो जाता है। अत: इसे भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ कहते हैं।

 

  1. प्रसुप्त ज्वालामुखी - इस प्रकार के ज्वालामुखी मे दीर्घकाल से उदभेदन (विस्फोट) नहीं हुआ है, किंतु इसकी संभावनाएं बनी रहती है।

 

  1. विलुप्त ज्वालामुखी - इस प्रकार के ज्वालामुखी में विस्फोट प्राय: दीर्घकाल से नहीं हुआ है और भविष्य में भी कोर्इ विस्फोट होने की संभावना नहीं है। इसका मुख मिट्टी, लावा आदि पदाथोर्ं से बन्द हो जाता है और मुख का गहरा क्षेत्र कालान्तर में झील के रूप में बदल जाता है जिसके ऊपर पेड़ पौधे उग आते है।

 

सुनामी

  • सुनामी शब्द जापानी भाषा के दो शब्द ‘सु’ और ‘नामी’ से बना है। ‘सु’ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘बंदरगाह’ और ‘नामी’ शब्द का ‘तरंग’ है और इस प्रकार सुनामी शब्द का अर्थ ‘बंदरगाह तरंग’ है।
  • सुनामी, हवा या चंद्रमा के गुरुत्वीय आकर्षण से उत्पन्न ज्वार नहीं है। इनकी उत्पत्ति समुद्र तल में अचानक आर्इ विकृति एवं उसमें उत्पन्न ऊपरी जल स्तर में विस्थापन के कारण होती है। समुद्र तल में इसी तरह की विकृति भूकंप के कारण पैदा होती है। सभी निम्न तटीय क्षेत्र सुनामी से प्रभावित हो सकते हैं।
  • सुनामी के आने का कोर्इ विशेष समय नहीं है, वे दिन हो या रात कभी भी आ सकती है।

Other Topics


You need to login to perform this action.
You will be redirected in 3 sec spinner