भाषाएँ एवं लिपियाँ

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भाषाएँ एवं लिपियाँ

 

विश्लेषणात्मक अवधारणा

मौखिक भाषा या उच्चारित भाषा को स्थायी रूप देने के लिए भाषा के लिखित रूप का विकास हुआ। प्रत्येक ध्वनि के लिए लिखित द्य चिà या वर्ण बनाए गए। वर्षों की इसी व्यवस्था को लिपि’ कहा जाता है। वास्तव में लिपि ध्वनियों को लिखकर प्रस्तुत करने का एक द्य ढंग है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ मनुष्य के लिए अपने अपने भावों और विचारों को स्थायित्व देना, दूर-दूर स्थित लोगों से सम्पर्क बनाए रखना तथा संदेशों और समाचारों के आदान-प्रदान के लिए मौखिक भाषा से काम चला पाना असम्भव हो गया। हिन्दी, और गम्कन भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। देवनागरी का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ

 

भारत में भाषाएं

  • भावों और विचारो को अभिव्यक्त करने के सशक्त माधय्म को भाषा कहते है।
  • हिन्दी तथा उत्तर की अधिकांश भाषाएं (बांगला, गुजराती, पंजाबी, मराठी आदि आर्य परिवार की भाषाएं मानी जाती है जिनका मूल श्रोत संस्कृत है।
  • भारत में एक दूसरा भाषा परिवार द्रविड़ कुल है, जिसकी मुख्या भाषाएं है -तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़।
  • आधुनिक भाषाओं का जन्म अपभृश से हुआ है।
  • भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की संख्या 22 है जो 1950 में भारतीय संविधान की स्थापना के समय में 14 थी।
  • अंग्रेजी मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची में नहीं है।
  • शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली पहली भाषा तमिल थी।
  • नागालैंड की राजभाषा अंग्रेजी है। जम्मू और कश्मीर की राजभाषा उर्दू और गोवा की राजभाषा कोंकणी है। भारत के संविधान द्वारा निर्धारित सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की राजभाषा अंग्रेजी है।
  • जेसरी (द्वीप भाषा) और महल लक्षद्वीप की प्रमुख भाषाएं हैं।
  • उत्तराखण्ड भारत का एकमात्र राज्य जहां संस्कृत राजभाषा मे रूप में मान्य है।
  • भारतीय भाषा संस्थान मैसूर, कर्नाटक में स्थित है।

 

भारत में लिपियां

  • लिपि प्रतीक-चिन्हो की एक व्यवस्था है जिसके तहत भाषाओं . को लिखा जाता है।
  • ब्राह्मी भारत की अधिकांश लिपियों की जननी है तथा इसका प्रयोग सम्राट अशोक के लेखों में हुआ है।
  • खरोष्ठी लिपि भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्रों में प्रचलित थी, यह लिपि दायें से बायें लिखी जाती थी।
  • देवनागरी लिपि बायें से दायें लिखी जाती है।
  • सिखों के दूसरे गुरु अंगद द्वारा विकसित गुरुमुखी लिपि में पंजाबी भाषा में ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का संकलन हुआ है।
  • दक्षिण भारत (तमिलनाडु) के पल्लव, पांड्या एवं चोल शासकों ने ग्रन्थ लिपि का विकास किया।
  • शाहमुखी लिपि सूफियों द्वारा चलाई गई ईरानी लिपि का पंजाबी संस्करण है।
  • अक्षरों में तोड़-मोड़ के कारण लिखी जाने वाली मोडी लिपि यदुवंशी महामंत्री हेमात्रि ने शुरू किया था।

 

 

 

 

 

 

 

संस्कृत

 

 

            शौरसेनी

पंजाबी लहंदा

 

पहरी

नेपाली

हिमाचली

सिंधी

 

गुजराती

 

राजस्थानी

 

रोमानी

 

           महाराष्ट्री

मलदीवियन, सिंहली

 

मराठी, कोंकणी

 

 

 

 

मगधी

असमी

 

बंगाली

 

उड़ीया

 

बिहारी

मैथली

भोजपुरी

मगधी

पुर्वी हिंदी - छत्तीगढ़

 

 

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