परिवहन

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विश्लेषणात्मक अवधारणा

प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्र की सफलता तृतीयक क्षेत्र से संबंधित परिवहन साधनों पर ही आश्रित हैं। परिवहन इस प्रकार से उत्पादन, वितरण एवं उनके खपत के लिए सहायक है। प्रस्तुत पाठ ‘‘भारत में परिवहन के अध्ययन से हम परिवहन की भारत में आवश्यकता एवं महत्व, महत्त्वपूर्ण सड़कों, रेल मार्गों, वायु मार्गों, जल मार्गों की प्रणालियों तथा व्यवस्था तंत्र को समझ सकेंगे। ग्रामीण एवं शहरी द्य क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवन शैली को बदलने में परिवहन की भूमिका को बता सकेंगे।

रेल परिवहन भारत की एक महत्वपूर्ण परिवहन व्यवस्था है। रेल उद्योग भारत का सबसे बड़ा नियोक्ता एवं सबसे बड़ा सार्वजनिक उपकरण है।

  1. रेल परिवहन
  2. A. रेल इतिहास :

 

वर्ष

विवरण

25 सितम्बर 1825

मेनचेस्टर से लीवर पुल के मध्य विश्व की प्रथम रेल सेवा शुरूआत लीवरपुल इंग्लैण्ड विश्व का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन

16 अप्रैल 1853

मुम्बर्इ से थाणे के मध्य प्रथम भारतीय रेल सेवा की शुरूआत

16 अप्रैल

भारतीय रेल दिवस

1882

रेलवे प्रोटेक्सन फोर्स की स्थापना।

1890

रेलवे एक्ट पारित हुआ।

1905

रेलवे बोर्ड की स्थापना

1924-25

एकवर्थ समिति की अनुसंशा पर रेल बजट को सामान्य बजट से अलग किया।

2017

2017-18 से पुन: रेल बजट को सामान्य बजट में शामिल कर दिया गया।

3 फरवरी 1925

प्रथम विद्युत रेल की शुरूआत स्थान - मुम्बर्इ वीटी से पफुरला नाम - डेक्कन क्वीन

1936

प्रथम वातानुकलित रेल की शुरू मुम्बर्इ - बड़ोदा (AC Train)

1950

रेलवे का राष्ट्रीकरण

1953

रेल शताब्दी समारोह की शुरूआत

1 मार्च 1969

राजधानी एक्सप्रेस की शुरूआत पहली - दिल्ली से कोलकाता

1976

समझौता एक्सप्रेस (भारत - पाकिस्तान) मैत्री एक्सप्रेस (भारत - ‘बांग्लादेश)

10 जुलार्इ 1988

शताब्दी एक्सप्रेस की शुरूआत दिल्ली – सांची दिल्ली - भोपाल (अब)

2003

रेल विकास निगम की स्थापना

 

  1. B. मेट्रो रेल प्रोजेक्ट

कोलकाता मेट्रो

  • वर्ष 1972 में बनी यह परियोजना वर्ष 1975 में प्रारंभ हुर्इ।
  • देश की पहली मेट्रो - 24 अक्टूबर 1984 (कलकत्ता दमदम-टॉलीगंज के बीच)

 

दिल्ली मेट्रो

  • यह परियोजना जापान व कोरिया की कम्पनियों के सहयोग से बनायी गयी।
  • दिल्ली मेट्रो के अंतर्गत पहली मेट्रो ट्रेन 25 दिसम्बर 2002 को शहादरा-तीस हजारी के मध्य चलार्इ गयी।
  • न्यूयार्क मेट्रो के पश्चात् दिल्ली मेट्रो विश्व की दूसरी आधुनिक मेट्रो सेवा है।
  • UNO से कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट पाने वाली विश्व की पहली रेल सेवा है।

 

बेंगलुरू मेट्रो

  • इसकी शुरूआत 20 अक्टूबर 2012 से ‘नामना’ मेट्रो के नाम से की गयी इसके विकास में जापान ने सहयोग किया।
  • नामना कन्नड़ भाषी शब्द है, जिसका अर्थ है - ‘अपना’

 

मुम्बर्इ मेट्रो

  • शुरूआत - 8 जून 2014
  • इसके अंतर्गत प्रथम मेट्रो रेल अंधेरी से बारसोवा के मध्य चलार्इ गयी।
  • इसके निर्माण में रिलायंस उद्योग का सहयोग है।

कोच्ची मेट्रो

  • शुभारंभ - 23 जुलार्इ 2016 (केरल में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हुआ)
  • देश की पहली वॉटर मेट्रो है, इसका निर्माण जर्मनी विकास बैंक की सहायता से किया गया।
  • मुख्यालय - नवी मुंबर्इ

 

फ्रंट कॉरीडोर परियोजना

  • प्रारंभ - सितंबर 2006 से यह भारत की सबसे बड़ी परियोजना है।
  • इसके तहत देश के 4 महानगरों (दिल्ली, मुम्बर्इ, कोलकाता चौन्नर्इ) को जोड़ने वाली ऐसी रेललाइन बिछार्इ जा रही है, जिसपर केवल द्रुतगामी माल गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा।

 

  1. सड़क परिवहन

सड़क परिवहन किसी भी देश के सामाजिक व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि कम एवं मध्यम दूरियों के लिए सस्ता एंव सुगम साधन है। भारत में सड़कों के प्रबंधन के आधार पर इन्हें तीन निम्न वगोर्ं में रखा गया है -

 

  1. A. राष्ट्रीय राजमार्ग
  • इन सड़कों के निर्माण प्रबंधन एवं देख रेख की समस्त जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की हाती है।
  • केन्द्र सरकार उत्कर्ष अपने अधीन कार्यरत केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के द्वारा करती है।
  • देश के राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नए मानचित्र में अब देश का सबसे लम्बा NH - 44 है।
  • लम्बार्इ - 3745 लम्बा मार्ग यह श्रीनगर को कन्या कुमारी से जोड़ता है।
  • वर्तमान में देश का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग. NH 47 (A) है। (कोच्चि - वेलिंगटन केरल)

 

  1. B. राज्य महामार्ग इन सड़कों के निर्माण प्रबंधन एवं देख-रेख की समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। राज्य सरकार युक्त कार्य अपने अधीन कार्यरत राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराती है।
  2. सीमावर्ती सडकें इन सड़कों के निर्माण एवं प्रबंधन का कार्य सीमा सड़क विकास बोर्ड द्वारा किया जाता है। इसकी स्थापना 1960 में की गयी थी।

 

  1. जल परिवहन

जल परिवहन किसी भी देश में सस्ता यातायात प्रदान करता है। र्इंधन की कम खपत तथा पर्यावरण अनुकूलता तथा प्रभावी लागत आदि स्वाभाविक फायदों के चलते इसे एक प्रभावी पूरक परिवहन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1986 में की गर्इ, जिसे अगले वर्ष ही एक निगम का दर्जा दे दिया गया। इसका मुख्यालय नोएडा में है।

 

WH1

इलाहाबाद

हल्दिया

1620 KM

WH2

सादिया

ध्रुवी

891 KM

WH3

कुल्लम

काट्टारम

205 KM

WH4

काकीनीडा

मरकानम

1095 KM

WH5

तलचर

धमरा

623 KM

WH6

लखीनपुर

भंगा (असम)

121 KM

 

काण्डला बंदरगाह (पं. दीनदयाल उपाध्याय बंदरगाह)

  • यह गुजरात के कच्छ जिले में कच्छ की खाड़ी में स्थित है।
  • यह एक ज्वारीय बंदरगाह है।
  • इसे मुक्त व्यापार क्षेत्र घोषित किया गया है।
  • उत्तर भारत की आपूर्ति करने वाले सबसे बड़ा बंदरगाह है।
  • नया नाम - पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय बंदरगाह है।
  • भूकम्प जोन 5 में स्थित है।

 

दाहेज बंदरगाह

  • गुजरात में स्थित 56देश का प्रथम बंदरगाह है, जो रसायनों के निपटान के लिए स्थापित किया गया है इसलिए इसे रसायन बंदरगाह भी कहा जाता है।

 


 

मुम्बर्इ बंदरगाह

  • यह मुम्बर्इ के सालसर द्वीप में स्थित देश का सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह है।
  • यह मुक्त व्यापार क्षेत्र घोषित किया गया है।
  • पेट्रोलियम उत्पाद के लिए प्रसिद्ध है। (सूती वस्त्र भी)

 

जवाहरलाल नेहरू नहावासेवा

  • इस बंदरगाह का निर्माण मुम्बर्इ बंदरगाह के भार को कम करने के लिए किया गया है।
  • यह देश का सर्वाधिक यंत्रीकृत बंदरगाह है।
  • यह देश का सबसे बड़ा कृत्रिम बंदरगाह है।

 

मार्मागोवा बंदरगाह

  • यह बंदरगाह ज्वारीय नदी की ज्वारदनमुख पर स्थित है।
  • यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है।
  • र्इरान को लौह अयस्क का निर्यात इसी बंदरगाह से किया जाता हैं।

 

न्यूमंगलोर बंदरगाह

  • कुद्रेमुख की खानों से प्राप्त लौह को इसी बंदरगाह से निर्यात किया जाता है।
  • यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।
  • मछलियां, उर्वरक, काजू, कहवा यहां से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं है।

 

कोच्ची बंदरगाह

  • वेम्बनाद झील के वेलिंगटन द्वीप पर स्थित यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है।
  • यह समुद्र के समान्तर विशाल लेगून के मुहाने पर स्थित है।
  • इसे विश्व का सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह माना जाता है।

 

तूतिकोरिन बंदरगाह

  • यह मन्नार की खाड़ी में स्थित है पूर्व में स्थित नौसेना अड्डा है।
  • नया नाम - विओचिदम्बरम बंदरगाह है।
  • इसे मत्स्य बंदरगाह भी कहते है।

 

चेन्नर्इ

  • यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।
  • इसकी गणना भारत के सर्वाधिक प्राचीन बंदरगाहों में की जाती है।
  • मुम्बर्इ के पश्चात् सर्वाधिक व्यस्त बंदरगाह है।

एन्नोर बंदरगाह

  • इसका निर्माण चेन्नर्इ बंदरगाह के भार को कम करने के लिए किया गया।
  • यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।
  • यह देश का पहला निर्गमित बंदरगाह है।
  • यह देश का यंत्रिकृत बंदरगाह है।
  • यह एक निजी बंदरगाह है।

 

विशाखपत्तनम बंदरगाह

  • यह देश का सबसे गहरा बंदरगाह है।
  • यह प्राकृतिक बंदरगाह है।
  • डालफिन नोज पहाड़ी के पीछे स्थित होने के कारण तूफानों से सुरक्षित रहता है।
  • यह एक नौसैनिक अड्डा है।

 

पाराद्वीप बंदरगाह

  • महानदी डेल्टा में स्थित यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।
  • इसे फ्री पोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  • इसे विशाखापत्तनम बंदरगाह के भार को कम करने के लिए बनाया गया।
  • यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।

 

कोलकाता

  • यह हुगली नदी पर स्थित है।
  • इसका पोताश्रय ‘डायमंड हार्बर’ कहलाता है।
  • यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है।

 

हल्दीया बंदरगाह

  • इसका निर्माण कोलकाता बंदरगाह के भार को कम करने के लिए किया जाता है।
  • पेट्रोलियम पदार्थ के व्यापार हेतु इसका विशेष महत्व है।

 

  1. वायु परिवहन

भारत में वायु परिवहन की शुरूआत 1911 में हुर्इ जब इलाहाबाद से नैनी के मध्य विश्व की प्रथम वायुयान (विमान डाक सेवा) सेवा का शुभारंभ हुआ।

वर्ष 1933 में इंडियन नेशनल एयरवेज कम्पनी की स्थापना हुर्इ। इसके पश्चात अनेक कम्पनियां अस्तित्व में आर्इ। वर्ष 1953 में सभी विमान कम्पनियों का राष्ट्रीकरण करके इन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अंतर्गत रख दिया गया।

  • भारत विमान निगम/इण्डियन एयरलाइंस
  • एयर इण्डिया

 

भारतीय विमान निगम (Indian airlines)

यह देश के आन्तरिक भागों एवं सीमावर्ती देशों (नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार आदि) में विमान सेवा उपलब्ध कराता है।

  • इसका मुख्यालय - दिल्ली में है।

एयर इण्डिया (Air India) यह विदेशों के लिए हवार्इ सेवा उपलब्ध कराती है।

24 अगस्त 2007 को दोनों कम्पनियों का विलय कर दिया गया। यह अब नेशनल ऐविएशन कम्पनी ऑफ इंण्डिया लि. (NACIL) कहलाती है।

 

NACIL का ब्रांड नेम

एयर इण्डिया

मुख्यालय

नर्इ दिल्ली

शुभंकर

महाराजा

प्रतीक चिन्ह

उड़ते हुए हंस में नारंगी रंग का कोणार्क चिन्ह

 

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