जनजाति परिदृश्य

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जनजाति परिदृश्य

 

विश्लेषणात्मक अवधारणा

प्रस्तुत पाठ ‘‘जनजाति परिदृश्य’’ के अध्ययन से हम भारत की प्रजातियों एवं भारत की प्रमुख जनजातियों के संबंध में समझ विकसित कर सकेंगे। देश के विशेष क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या के केन्द्रीकरण का विश्लेषण कर सकेंगे। जिन क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों का संकेन्द्रीकरण होता है, उन स्थानों में अनुसूचित जनजातियों की संख्या बहुत कम हो जाती है और ठीक इसके विपरीत स्थिति का कारण समझ सकेंगे।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति भारत के ऐसे वर्ग है जो सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक रूप से पिछड़े एवं भौगोलिक रूप से समाज की मुख्य धारा से बहुत दूर स्थित है। अनुसूचित जातियों ने ऐतिहासिक रूप से वंचना, उत्पीडन तथा अत्यधिक सामाजिक अलगाव का सामना किया है। इनकी अपनी विशिष्ट संस्कृति, भाषा राजनैतिक संगठन तथा अर्थव्यवस्था होती है।

 

भारत की प्रजातियां (Species of India)

  • सामान्यत: ‘प्रजाति’ का अर्थ एक ऐसे विशेष मानव वर्ग से है, जिसमें वर्ग विशेष के सभी मनुष्यों की शारीरिक रचना तथा बाह्य लक्षण जैसे- त्वचा का रंग, कद, सिर एवं नाक की बनावट, बालों की प्रकृति, आंखों की बनावट, होंठों की मोटार्इ तथा रक्त वर्ग आदि एक जैसे हों।
  • भूगोलवेत्ताओं का मानना है कि भारत में आने वाला सबसे पहली प्रजाति नीग्रो (नीग्रिटो) है, इसके बाद क्रमश: प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड एवं भूमध्यसागरीय प्रजातियों का आगमन हुआ तथा सबसे अंत में नार्डिक प्रजाति का आगमन हुआ।
  • मान्यताओं के अनुसार प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड एवं भूमध्यसागरीय प्रजातियों ने मिलकर हड़प्पा सभ्यता की शुरूआत की।
  • डॉ. बी.एस. गुहा ने भारतीय उपमहाद्वीप की मानव जनसंख्या को 6 मुख्य प्रजातियों में विभक्त किया है -
  1. नीग्रिटाध्नीग्रो (Negrito/Negro)
  2. आद्य-ऑस्ट्रेलॉयड (Proto - Australiod)
  3. मंगोलॉयड (Mongoloid)
  4. भूमध्यसागरीय (Mediterranean)
  5. चौड़े सिर वाले पाश्चात्यध्लघुशीर्ष (Western Brachycephals)
  6. नार्डिक (Nordic)

 

भारत के जनजातीय क्षेत्र (Tribes Regions of India)

  • भारत की जनजातीय आबादी विश्व में सर्वाधिक है, जो यहां की मूल निवास करने वाली जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती है।
  • भारत के संविधान में इन्हें ‘अनुसूचित जनजाति’ कहा गया है (अनुच्छेद 342) किंतु भारतीय संविधान अनुसूचित जनजाति को परिभाषित नहीं करता।
  • भारत में जनजातीय जनसंख्या के वितरण को तीन मुख्य क्षेत्रों में बांटा गया है -
  • उत्तर एवं उत्तर-पूर्वी प्रदेश - इसके अंतर्गत हिमालय के तरार्इ क्षेत्र एवं भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य शामिल है।
  • मध्यवर्ती क्षेत्र - इसके अंतर्गत प्रायद्वीपीय भारत के पठारी क्षेत्र, मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, छत्तीसगढ़, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात एवं ओडिशा आदि राज्य शामिल है।
  • दक्षिणी क्षेत्र - दक्षिणी क्षेत्र के अंतर्गत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आदि राज्य शामिल है।

 

  • इन तीनों क्षेत्र के अतिरिक्त अंडमान-निकोबार एवं लक्षद्वीप में कुछ विशिष्ट जनजातियां पार्इ जाती है, जिनमें से कुछ वर्तमान में भी अपने मूल रूप में ही निवास करती है एवं भारत सरकार द्वारा इन्हें संरक्षण प्रदान किया जा रहा है, जैसे- शोम्पेन, जारवा, सेंटलीज इत्यादि।

प्रमुख प्रजातियां

निवास स्थल

विशषताएं

नीग्रो

अंडमान-निकोबार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु केरल के पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्रों में।

बाल- घुघराले नांक- चौड़ी व समतल कद-नाटा (105 सेमी. से कम) त्वचा का रंग-काला गोल सिर एवं बाहर की और निकला हुआ जबड़ा

प्रोटो-

ऑस्ट्रेलॉयड

मध्य एवं दक्षिण भारत के जंगलों तथा पहाड़ी क्षेत्रों, और उत्तर भारत में

बाल- लहरदार नाक- चौड़ी, चपटी एवं नीचे की ओर दबी हुर्इ अन्य लक्षणों में नीग्रो के समान होते है।

मंगोलॉयड

लद्दाख, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश के साथ अन्य उत्तरी-पूर्वी राज्यों में।

शरीर तथा चेहरे पर कम बाल सपाट चेहरा तथा गालों की हड्डियां बाहर उभरी हुर्इ।

आंखे-तिरछी एवं अधखुली कद-मध्यम आकार का रंग-पीला

भूमध्यसागरीय

पंजाब, सिंध, राजस्थान, पश्चिमी, उत्तर प्रदेश, दक्षिण भारत

शरीर एवं चेहरे पर कम बाल रंग-भूरा नाक-पतली एवं उभरी हुर्इ

आंखे-बड़ी एवं खुली

चौड़े सिर वाले पाश्चात्य/लघु शीर्ष

सिंधु प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु

सिर- चौड़ा कद-मध्यम छोटा एवं लम्बा चेहरा-गोल रंग-गोरा

नाक-उभरी हुर्इ एवं लम्बी

नार्डिक

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान

सिरं-लंबा नाक-सुविकसित रंग-साफ शरीर-सुगठित

 

भारत के कुछ प्रमुख जनजातीय समुदाय

भील

  • यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है। यह मुख्यत: राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, त्रिपुरा राज्यों में पार्इ जाती है। सबसे बड़ी जनजाति गोंड है।
  • भील शब्द की उत्पत्तिं द्रविड़ शब्द ‘बील’ से हुर्इ है, जिसका अर्थ ‘धनुष’ होता है।
  • यह जनजाति आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से अन्य जनजातियों की अपेक्षा पिछड़ी हुर्इ है।
  • भोटिया जनजाति ‘ऋतु-प्रवास’ हेतु प्रसिद्ध है।

 

नागा

  • भारत के नागालैंड राज्य में प्रमुख रूप से यह जनजाति पार्इ जाती है, इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रों में भी इनका संकेंद्रण है।
  • नागा लोग कुशल योद्धा होते है एवं भाला उनका प्रमुख/पसंदीदा अस्त्र है। इनकी प्रमुख त्योहार ‘मिथन’ है।
  • इस जनजाति ने ‘नागमिस’ नामक एक अलग भाषा का विकास किया है जो विभिन्न नागा भाषाओं और असमिया भाषा का मिश्रण है।

 

मीणा

  • राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या की दृष्टि से मीणा जाति का प्रथम स्थान है। यह राजस्थान के लगभग सभी जिलों में निवास करती है।
  • मीणा शब्द की उत्पत्ति ‘मीन’ शब्द से हुर्इ है जिसका अर्थ ‘मछली’ होता है। मीणा जाति अपनी उत्पत्ति विष्णु के दसवें अवतार से मानती हैं।
  • इस जनजाति में ‘नाता प्रथा’ प्रचलित है एवं परिवार पितृसत्तात्मक होता है।

 

टोडा

  • यह दक्षिणी भारत में नीलगिरी पहाड़ियों पर निवास करने वाली पशुपालक जनजाति है।
  • इनकी भाषा ‘टोडा’ है जो कन्नड़ भाषां से संबंधित एक द्रविड़ भाषा है। टोडा लोग समूह है निवास करना पसंद करते है। कन्या वध प्रथा के कारण टोडा जनजाति में ‘बहुपति विवाह प्रथा’ पाया जाता है।

 

भारत की जनजातीय जनगणना - 2011

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, जनजातियों की कुल जनसंख्या 10,42,81,034 है, जो कुल जनसंख्या का6 प्रतिशत है (ग्रामीण 11.3 प्रतिशत शहरी 2.8 प्रतिशत)।
  • इनकी कुल समूह संख्या (व्यक्तिगत जाति समूह) लगभग 705 है।
  • जनजातियों में लिंगानुपात 990 है, जिसमें सर्वाधिक लिंगानुपात गोवा (1,046) तथा सबसे कम जम्मू-कश्मीर (924) का है।
  • भारत में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या मध्य प्रदेश में पार्इ जाती है जो राज्य की कुल जनसंख्या का1 प्रतिशत है।
  • केंद्रशासित प्रदेश में दादरा एवं नागर हवेली में संख्या की दृष्टि - से सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति पार्इ जाती है।
  • प्रतिशत के आधार पर जनजाति जनसंख्या राज्यों/केंद्रशासितप्रदेशों में से लक्षद्वीप में सर्वोच्च (94.8:) पार्इ जाती है, जबकि दूसरे स्थान पर मिजोरम (94.4 :) है।
  • दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ एवं पुदुच्चेरी में कोर्इ भी अनुसूचित जनजाति नहीं पार्इ जाती है।
  • अनुसूचित जनजातियों की साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार 59 प्रतिशत रही जो 2001 में1 प्रतिशत थी। (पुरुष 68.5 प्रतिशत, महिला 49.4 प्रतिशत)
  • शीर्ष अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य क्रमश: है - मध्य प्रदेश - महाराष्ट्र - ओडिशा - राजस्थान - गुजरात।

प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष अनुसूचित जनजाति वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश क्रमश: हैं - लक्षद्वीप - मिजोरम - नागालैंड - मेघालय - अरुणाचल प्रदेश।

 

राज्य

जनजातियां

आंध्र प्रदेश

बंजारा, लंबाडा, सुगाली, कुबीय बगाता, सवारा, चेंचू, बकला

बिहार

संथाल, गोंड, थारू, उरांव, खरवार, बीरहोर, कोरबा, कोर, कोल, हो

छत्तीसगढ़

गोंड, अगरिया, मुड़िया, अबूझमाडिया, बैगा, कोरकू, सहरिया, परजाय परधान

गोवा

वेलिप, गावड़ा, सिद्दी, धोडिया, वर्ली

गुजरात

भील, बरदा, कोली, डबरा, खारी, चारन, रथवा

हिमाचल प्रदेश

गद्दी, गज्जर, भोटिया, बेदा, लांबा, खांपा, डोंबा, गारा, किन्नौर

जम्मू और कश्मीर

बकरवाल, गुज्जर, सिप्पी, बोट, चांग्पा, मोन, बेदा, चौपान, गद्दी

झारखंड

संथाल, मुण्डा, हो, उरांव, बिरहोर, कोरवा, बैगा, नगेशिया, असुर

कर्नाटक

वाल्मिकी, नैकडा, थेरावा, हक्कीपिक्की, इरूला, जेनुकुरूबा, टोड़ा, वर्ली

केरल

पनियनं, मविलन, नायर, डार, उराली, चेंचू, मोपला, सुमाली, इरूला

मध्य प्रदेश

भील, गोंड, भुजिया, बिंझवार, भतरा, हल्बा, कमार, कोरकू, नागवंशी, ओझा, धुरू

महाराष्ट्र

कोली भील, डुंगरी गरसिया, वरली, पोमला

ओडिशा

खोंड, कोल्हा, गोंड, मुंडा, बोंडा, महाली, संथाल, मुआंग, खारिया, डोंगरिया कोंध

राजस्थान

मीणा, भील, कोकना, गरसिया, खारी, पटेलिया, सहरिया

सिक्किम

भोटिया/भूटिया, लिम्बू, लेप्चा, तमांग

तमिलनाडु

टोडा, इरूला, उरेली, कादर

तेलंगाना

सुगाली, लंबाडी, बंजारा, चंचू, पहाडी, रेड्डी, कुलिया, थोटी

उत्तर प्रदेश

जौनसारी, थारू, गोंड, सहरिया, खरवार, बुक्सा, पतरी

उत्तराखंड

जौनसारी, थारू, बुक्सा, भोटिया, राजी

पश्चिम बंगाल

संथाल, उरांव, भूमजी, मुण्डा, लोधा

अरूणाचल प्रदेश

अबोर, ऊला, अपातामी, खोवा, गालो, मोम्बा, मिश्मी

असम

बोरो, मिरी, कार्बी, राभा, कछारी, सोनवल, लुशार्इ

मणिपुर

कूकी, तांगखुल, थाडो, नागा, मैठी

मेघालय

गारो, खासी, जयंतिया, भोर्इ, मिकिर

मिजोरम

मिजो, पावी, लाखर, चकमा

नागालैंड

नागा, कोन्यक, अंगामी

त्रिपुरा

रियांग, त्रिपुरी, जमातिया, चकमा

अंडमान एवं निकोबार

अण्डमानी, निकोबारी, सेंटलीज, जारवा, जारना, औंजे, शोम्पेन, येरे, केडे, कोरा, टाबू

दादरा एवं नागर हवेली

कोकना, वरली, धोडिया

दमन एवं दीव

दुबला, वरली, घोडिया, बैकड़ा

लक्षद्वीप

वासी

पुदुच्चेरी

इरूलर (पिल्ली और वेट्टर्इकरवा सहित)

 

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