A) मछलियों के विद्युत अंग
B) रे-मछलियों के दंश
C) स्तनियों की वसा-ग्रंथियां
D) कशेरुकी प्राणियों की लार-ग्रंथियां
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - कशेरुकी प्राणियों की लार-ग्रंथियां |
व्याख्या - सयोर्ं का विष वास्तव में उसकी लार का ही जूटॉक्सिन युक्त परिष्कृत रूप है। जो शिकार के स्थिरीकरण और पाचन की सुविधा देता है, और खतरों से बचाव करता है। यह एक काटने के दौरान अद्वितीय नुकीले इंजेक्ट किया जाता है, विष स्त्रावित करने वाली ग्रंथियां कशेरुकी प्राणियों की लार-ग्रंथियों (Salivary gland) के समांग होती हैं और कुछ प्रजातियां अपने जहर को थूकने में भी सक्षम हैं। |
टिप्पणी - जहरीले सांपों में ऊपरी जबड़े की मैक्सिली हड्डियों के 1 से 3 जोड़ी (प्राय: एक जोड़ी) बड़े व पीछे की ओर मुड़े विषदंत (Poison Fangs) तालु से मुखग्रासन गुहिका ( Buccal Cavity) में उभरे रहते हैं। यह विषदंत जंभिका दंत (Thumb tooth) के रूपांतरित रूप होते है जो ऊपरी जबड़े (maxillary teeth) में ही स्थित विष ग्रंथियों (Poison Glands) से संबद्ध होते हैं। |
विशेष - सांप के. विष का संघटक - विष के शुष्क वजन का 90-95% भाग प्रोटीन होता है और ये लगभग सभी जैविक प्रभावों के लिए जिम्मेदार हैं। विष में भी सैकडों प्रोटीन पाए जाते हैं, विशेष रूप से टॉक्सिन, न्यूरोटॉक्सिन, साथ ही साथ नॉनटॉक्सिक प्रोटीन (जिसमें औषधीय गुण भी होते हैं) होते है और कर्इ हाइड्रोलाइटिक एंजाइम उपस्थित होते हैं। कोबरा सर्प का विष मुख्यत: तंत्रिकाविषी (Neurotoxic) होता है, |
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