A) लॉर्ड रिपन
B) लॉर्ड लिटन
C) लॉर्ड कर्जन
D) लॉर्ड मिंटो
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - लॉर्ड रिपन |
व्याख्या - लॉर्ड रिपन ने 1882 र्इ. में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट अथवा देशी भाषा प्रेस अधिनियम को रद्द कर दिया और भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों को अंग्रेजी भाषा के समाचार-पत्रों के समान ही स्वतंत्रता दे दी। |
टिप्पणी - ज्ञात हो कि वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट, 1878 में लॉर्ड लिटन के कार्यकाल (1876-1880 र्इ.) में पारित हुआ था। इस अधिनियम को मुंह बंद करने वाला अधिनियम कहा गया |
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