A) राबर्ट का परीक्षण
B) विडाल का परीक्षण
C) कान का परीक्षण
D) मैंटॉक्स का परीक्षण
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - मैंटॉक्स का परीक्षण |
व्याख्या - टीबी के संक्रमण के रक्त परीक्षण किया जाता है इसे ही मैंटॉक्स टयूबर क्यूलिन त्वचा परीक्षण कहते हैं। इस टेस्ट मे हाथ के निचले हिस्से की त्वचा में टयूबरकुलीन नामक तरल की अल्प मात्रा इंजेक्शन के रूप में लगार्इ जाती है। इंजेक्शन लगाने के 2 से 3 दिन बाद हाथ पर इसके प्रभावों से परिणाम पता करते हैं। |
टिप्पणी - तपेदिक या क्षय रोग (tuberculosis or T.B.)- यह रोग माइकोबैक्टीरियम टयूबरकुलोसिस जीवाणु से होता है। इसे यक्ष्मा, राजयक्ष्मा, सिलशोथ आदि नाम से भी जाना जाता है। इसमें शरीर की समस्त बाहरी और आन्तरिक क्रियाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जीवाणु रोगी के थूक, छींक, सीधे सम्पर्क भोजन, जल, वायु के माध्यम से स्वस्थ मनुष्य के शरीर में प्रवेश करते हैं। बसी रोगी के लक्षण - क्षय रोगी बहुत कमजोर हो जाता है। जीवाणु फेफड़ों में प्रवेश करके वहीं निवास करने लगते हैं। ये लम्बे समय तक जीवित रहते हैं तथा रोग उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं। ये काफी संख्या में होने पर अनुकूल वातावरण में व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने पर, ये सक्रिय हो जाते हैं तथा आहार नाल और हड्डियों तक में प्रवेश करते हैं। ये जीवाणु टयूबरकुलीन नामक टॉक्सिन पैदा करते हैं। रोगी को ज्वर, खांसी होने पर बलगम काफी बढ़ जाता है। बलगम के साथ खून आने लगता है। उपचार ना होने पर रोगी की मत्यु हो जाती है। ये जीवाणु जब लिम्फटिक ग्रन्थियों में प्रवेश करते हैं तो ग्रन्थियों की क्षय तथा कंठमाला उत्पन्न कर देते हैं। आंतों में आन्त्र क्षय, मस्तिष्क में मस्तिष्क क्षय (Brain T.B) तथा अस्थियों में अस्थि क्षय (Bone T.B.) |
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