A) एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ 1999
B) मोहिनी जैन बनाम कर्नाटक राज्य
C) शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ, 1952
D) केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ 1999 व्याख्या - सर्वोच्च न्यायालय ने एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ मामले (1999) में कहा कि पंथनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का भाग है तथा धार्मिक सहिष्णुता एवं बंधुत्व इसके आधारभूत भाग हैं। अतः उच्चतम न्यायालय ने एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ मामले में धारणा प्रस्तुत की कि उद्देशिका संविधान का भाग है, जबकि केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद 1973 में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के मूल ढांचे सम्बन्धित अवधारणा को प्रस्तुत किया तथा कहा कि, संविधान के मल ढांचे में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता।You need to login to perform this action.
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