A) हीरे से कांच में
B) जल से कांच में
C) वायु से जल में
D) वायु से कांच में
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - हीरे से कांच में | ||||
व्याख्या - किसी सघन माध्यम में संचरित होता हुआ प्रकाश विरल माध्यम के पृथक्कारी पृष्ठ पर क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित हो तो उसका पुनः उसी माध्यम में परावर्तन हो जाता है इस प्रभाव को पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं। इसमें प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जानी चाहिए और आपतन कोण, क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए। पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण- हीरे का चमकना, प्रकाशिक तंतु, गोताखोर का दृष्टि क्षेत्र, पोरो प्रिज्म आदि परन्तु विकल्पों के अनुसार हीरे से कांच में प्रकाश के जाने पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन होगा। | ||||
पदार्थ | अपवर्तनांक | क्रांतिक कोण | ||
जल | 1.33 | \[48.75{}^\circ \] | ||
क्राउन कांच | 1.52 | \[41.14{}^\circ \] | ||
फिल्ट कांच | 1.62 | \[37.31{}^\circ \] | ||
हीरा | 2.42 | \[24.21{}^\circ \] | ||
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