A) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
B) अपवर्तन
C) प्रकीर्णन
D) व्यतिकरण
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर. - पूर्ण आंतरिक परावर्तन |
व्याख्या - प्रकाशिक तंतु पूर्ण आंतरिक परावर्तन की घटना पर आधारित वह युक्ति है जिनकी सहायता से एक प्रकाश संकेत को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना ऊर्जा क्षति के प्रेषित किया जा सकता है। प्रकाशिक तंतु उच्च गुणवता के संयुक्त क्वाटर्ज तंतुओं से बना होता है। क्रोड के पदार्थ का अपवर्तनांक आवरण के अपवर्तनांक की तुलना अधिक होता है। आंतरिक क्रोड का व्यास इतना कम होता है कि जब प्रकाश के रूप में कोई संकेत पर्याप्त छोटे कोण पर तंतु के एक सिरे पर प्रवेश करता है तो क्रोड व बाह्य बेलन की उभयनिष्ठ परत पर आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो जाता है और प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जाता है। इस प्रकार उसकी लम्बाई के अनुदिश बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है तथा अंत में दूसरे सिरे से बाहर निकल आता है। उपयोग- प्रकाशिक तंतुओ . उपयोग प्रकाशिक संकेत. प्रेषण के लिए भी किया जा सकता है। जैसे- आंतरिक अंगो- ग्रसिका, आमाशय तथा आंतो के दृश्य अवलोकन हेतु 'लाइट पाइप' के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिसे एन्डोस्कोनी कहते हैं, और प्रकाशिक तंतुओं का बड़े पैमाने पर उपयोग विद्युत संकेतों, जिन्हे उचित ट्रांसडयूसरो द्वारा प्रकाश संकेतों में परिवर्तित कर लेता है, प्रेषण तथा अभिग्रहण में किया जाता है। प्रकाशित तंतु संचार तंत्र में ऊर्जा उपभोग अत्यधिक कम होता है ये विद्युत चुम्बकीय अवरोध और रेडियो आवृत्ति अवशेध से मुक्त होता है। भारत में सन 2000 में स्टरलाइट कंपनी समूह द्वारा भारत में प्रकाशित तंतु का निर्माण किया गया। |
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