Super Exam Physics Thermal Properties of Matter / द्रव्य के तापीय गुण Question Bank द्रव्य के तापीय गुण एवं ऊष्मागतिकी

  • question_answer
    एक विशेष दिन के समय में \[48\text{ }{}^\circ C\] चूरू में व \[24{}^\circ C\] शिमला में तापमान था। सभी रूपों में समान धातु के दो प्यालो में पानी, चूरू में \[95{}^\circ C\] व शिमला में \[71{}^\circ C\] पर रखा गया। दोनों में से कौन-सा प्याला कमरे के तापमान पर पहले पंहुचा? (RPSC 2008)

    A) चूरू में रखा प्याला    

    B) शिमला में रखा

    C) दोनों प्याले कमरे के तापमान पर एक ही समय पहुंचे।

    D) परिणाम प्राप्त करने के लिए आंकड़े पर्याप्त नहीं है।

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - शिमला में रखा
    व्याख्या - प्रश्नानुसार दोनों स्थितियों में तापांतर समान है इसलिए दोनों प्याले कमरे के तापमान पर एक ही समय में पहुंचेंगे। यहां तापमान तो समान परन्तु दोनों स्थानों की जलवायु में अंतर है शिमला की जलवायु चूरू की जलवायु की अपेक्षा अधिक ठंडी है। यहां पर शीतलन का नियम काम कर रहा है। शीतलन का नियम- यह न्यूटन का शीतलन का नियम भी कहलाता है। किसी गर्म वस्तु के वायु में ठंडा होते समय ऊष्मा हानि की दर वस्तु तथा उसके चारों ओर के माध्यम के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होता है।
    विशेष
    न्यूटन का शीतलन : नियम (Newton's Law of Cooling)
    किसी गर्म वस्तु के वायु में ठंडा होते समय ऊष्मा हानि की दर वस्तु तथा उसके चारों ओर के माध्यम के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।
    वस्तु की ऊष्मा = हानि की दर \[\times \] तापान्तर
    \[\frac{d\theta }{dt}=-k\left( {{T}_{2}}-{{T}_{1}} \right)\]
    यहां \[{{T}_{1}}\] परिवेशी माध्यम का ताप तथा \[{{T}_{2}}\] पिंड का ताप है।
    वीन का विस्थापन नियम- प्रत्येक वस्तु किसी भी ताप पर सतत्-तरंग दैर्ध्य के विकिरण उत्सर्जित करती है। कृष्णिका से उत्सर्जितं विकिरण में सभी तरंग दैर्ध्य के लिए स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन क्षमता \[\left[ {{E}_{\lambda }} \right]\]समान नहीं होता है। वीन के विस्थापन निम्नानुसार "अधिकतम स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन क्षमता के लिए तरंग दैर्ध्य \[\left( {{\lambda }_{m}} \right)\] का मान, कृष्णिका के परम ताप (T) के व्युत्क्रमानुपाती होता है"।
    \[\] यहां b वीन नियतांक कहलाता है।
    इसका मान \[2.898\times {{10}^{-3}}\] मीटर केल्विन होता है। वीन के विस्थापन नियम से दूरस्थ तारों, ग्रहों, उपग्रहों व भट्टियों का ताप ज्ञात किया जा सकता है।
    स्टीफन, का नियम- सन 1879 में स्टीफन ने वस्तु द्वारा कुल ऊष्मीय विकिरण उत्सर्जन की दर तथा वस्तु के. ताप के संबंध का नियम दिया जिसके अनुसार “किसी कृष्णिका के एकांक पृष्ठीय क्षेत्रफल द्वारा प्रति सेकेंड उत्सर्जित होने वाली विकिरण ऊर्जा (E) उसके परम ताप (T) की चतुर्थ घात के समानुपाती होती है।
                    \[E\propto {{T}^{4}}\]
                    \[\]
    यहां छ एक नियतांक है जिसे स्टीफन नियतांक कहते है।
    इसका मात्रक \[5.67\times {{10}^{-8}}\]जूल / मीटर2 से k4 या
     होता है।
    सन 1884 में वोल्टज मान ने आदर्श कृष्णिका के लिए इस नियम को ऊष्मा गतिकी के सिद्धांतो के आधार पर सिद्ध किया। इस कारण इस नियम को स्टीफन-वोल्टज मान कानियम भी कहते हैं।


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