Super Exam Chemistry Metals and Non-metals / धातु और अधातु Question Bank धातुएं एवं मिश्र धातुएं

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    सीमेन्ट के जमने की प्रक्रिया के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
    1. सीमेन्ट में एलुमिना की मात्रा अधिक होने पर यह जल्दी से जमता है,
    2. चूने की अधिकता से जमने के पश्चात इसमें दरारें दिखार्इ देने लगती है,
    3. जिप्सम मिलाने का कारण सीमेन्ट के जमने के प्रक्रम का धीमा करना है
    कूट:

    A) केवल 1

    B) 1 और 2

    C) 2 और 3

    D) उपर्युक्त सभी

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - उपर्युक्त सभी
    व्याख्या - सीमेन्ट का जमना - सीमेन्ट तथा पानी को मिश्रित करने पर इसमें उपस्थित कैल्शियम के सिलिकेट व एलुमिनेट एक कोलाइडी मिश्रण सा बनाते है, जो धीरे-धीरे जमकर कठोर व मजबूत हो जाता है। सीमेन्ट में एलुमिना की मात्रा अधिक होने पर यह जल्दी से जमता है, लेकिन चूने की अधिकता से जमने के पश्चात इसमें दरारें दिखार्इ देने लगती है। जिप्सम मिलाने का कारण सीमेन्ट के जमने के प्रक्रम को धीमा करना है ताकि यह पूरी तरह ठोस हो सके। इस प्रक्रिया में कैल्शियम के सिलिकेटों और एलुमिनेटों का जलयोजन होने पर लंबी श्रृंखला तथा संकर संधि वाले बहुलकों के बनने से सीमेन्ट के अवयवी कण आपस में जुड़कर एक कठोर पदार्थ बनाते है।
    सिलिका (\[Si{{O}_{2}}\]~20-25%), ऐलुमिना (\[A{{l}_{2}}{{O}_{3}}\]~5-10%), मैग्नेशियम ऑक्साइड (MgO ~2-3%),
    जिप्सम (\[CaS{{O}_{4}}.{{H}_{2}}O\]~2-5%), फेरिक ऑक्साइड (\[F{{e}_{2}}{{O}_{3}}\]~1-2%) एवं सल्फर ट्राइऑक्साइड (\[S{{O}_{3}}\]~0.1-1%)।
    एक अच्छी गुणवत्ता वाले सीमेन्ट में सिलिका (\[Si{{O}_{3}}\]) एवं ऐलुमिना (\[A{{l}_{2}}{{O}_{3}}\]) का अनुपात 2.5 से 4 के मध्य होना चाहिए तथा चूना (CaO) तथा अन्य ऑक्साइडों \[Si{{O}_{3}}\] और \[A{{l}_{2}}{{O}_{3}}\] का अनुपात 2 के आस-पास होना चाहिए।
    सीमेन्ट के निर्माण में कच्चे माल के रूप में चूने के पत्थर (Limestone) एवं चिकनी मिट्टी का उपयोग किया जाता है। जब इन दोनों को तेजी से गर्म किया जाता है तब ये संगलित होकर अभिक्रिया कर सीमेन्ट क्लिंकर (Cement Clinker) बनाते हैं। इस क्लिकर में 2-3 % (भारात्मक) जिप्सम (\[CaS{{O}_{4}}.2{{H}_{2}}O\]) मिश्रित कर सीमेन्ट बनाया जाता है।
    उपयोग- इसका उपयोग कॉन्क्रीट (Concrete), प्रबलित कॉन्क्रीट (Reinforced Concrete), प्लास्टरिंग, पुल-निर्माण, भवन निर्माण आदि में किया जाता है।
    कॉन्क्रीट- सीमेन्ट, बालू, रेत, बजरी (पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े) एवं पानी को मिलाकर मिश्रण को हवा में खुला छोड़ देने पर जो कठोर पदार्थ प्राप्त होता है उसे कॉन्क्रीट कहते है। इससे फर्श एवं छत का निर्माण किया जाता है।
    प्रबलित सीमेन्ट कॉन्क्रीट- जब कॉन्क्रीट को और अधिक मजबूती, कठोरता प्रदान करने के लिए इसे लोहे की छड़ों (सरिया) या तारों के जाल में जमाते है, जिससे प्राप्त होने वाले कठोर पदार्थ प्रबलित सीमेन्ट कॉन्क्रीट (Reinforced  Cement Concrete RCC) कहते है। इसका प्रयोग पुल, छत, बिल्डिंग के पिलर एवं गार्डर आदि में किया जाता है।


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