Super Exam Chemistry Environmental Chemistry / पर्यावरणीय रसायन Question Bank पर्यावरणीय रसायन

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    कथन : क्लोरीनिकृत संश्लेषित पीड़कनाशियों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा और जल प्रदूषण होता है।
    कारण (R) : ऐसे पीड़कनाशी अजैव निम्नीकरणीय होते हैं।

    A) कथन और कारण दोनों सही हैं, कारण, कथन की सही व्याख्या है

    B) कथन और कारण दोनों सही हैं लेकिन कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं है।

    C) कथन और कारण दोनों सही नहीं हैं।

    D) कथन सही नहीं है लेकिन कारण सही है।

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - कथन और कारण दोनों सही हैं, कारण, कथन की सही व्याख्या है
    व्याख्या - पीड़कनाशी मूल रूप से संश्लेषित विषैले रसायन हैं, जो पारिस्थितिकी प्रतिघाती भी हैं। समान पीडकनाशकों के प्रयोग से कीटों में पीड़कनाशकों के प्रति प्रतिरोध-क्षमता उत्पत्र हो जाती है, जो पीड़कनाशी को प्रभावहीन बनाती है। इसीलिए डी.डी.टी. के प्रति प्रतिरोधकता में वृद्धि होने लगी, अन्य जीव-विष (जैसे-ऐल्ड्रीन तथा डाइऐल्ड्रीन) पीडकनाशी उद्योग द्वारा बाजार में लाए गए। अधिकांश कार्बनिक जीव-विष जल में अविलेय तथा अजैव निम्नीकरणीय होते हैं। ये उच्च प्रभाव वाले जीव-विष भोजन शृंखला द्वारा निम्नपोषी स्तर से उच्चपोषी स्तर तक स्थानांतरित होते हैं। समय के साथ-साथ उच्च प्राणियों में जीव-विषों की सांद्रता इस स्तर तक बढ़ जाती है कि उपापचयी तथा शरीर क्रियात्मक अव्यवस्था का कारण बन जाती है। उच्च स्थायित्व वाले क्लोरीनीकृत कार्बनिक जीव-विषके प्रत्युत्तर में निम्न स्थायित्व अथवा अधिक जैव निम्नीकरणीय उत्पादों, जैसे- आर्गेनो-फॉस्फेट्स तथा कार्बामेट्स को बाजार में लाया गया, परंतु ये रसायन गंभीर स्नायु जीव-विष हैं। अत: ये मानव के लिए अधिक हानिकारक हैं। परिणामस्वरूप ऐसी घटनाएं दर्ज हुर्इ हैं, जिनमें खेतों में काम करने वाले मजदूरों की मृत्यु का कारण कुछ पीड़कनाशी रहे हैं। कीट भी इन कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधी हो चुके हैं।


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