Super Exam Chemistry Environmental Chemistry / पर्यावरणीय रसायन Question Bank पर्यावरणीय रसायन

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    वायुमण्डल के किस भाग में ओजोन परत पराबैंगनी विकिरण के लिए एक ढाल की तरह कार्य करती? (TNPSC 2015)

    A) ट्रोपोस्फीयर

    B) थर्मोस्फीयर

    C) स्ट्रेटोस्फीयर

    D) मेसोस्फीयर

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर- स्ट्रेटोस्फीयर
    व्याख्या - वायुमण्डल के ऊपरी समतापमंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में ओजोन (\[{{O}_{3}}\]) की प्रचुर मात्रा होती है, जो सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरणों (2-225 nm) से हमें बचाती है। ये विकिरण त्वचा-कैन्सर (मेलोनोमा) के कारण बनते हैं। अत: ओजोन-कवच को बचाए रखना महत्वपूर्ण है। पराबैंगनी विकिरणों की डाइऑक्सीजन (अणु) से प्रतिक्रिया का उत्पाद समतापमंडल में उपस्थित ओजोन है। पराबैंगनीविकिरण आण्विक ऑक्सीजन को मुक्त ऑक्सीजन (\[{{O}^{.}}\]) परमाणुओं में विखंडित कर देते हैं। आण्विक ऑक्सीजन से संयुक्त होकर ये ऑक्सीजन परमाणु ओजोन बनाते हैं।
    \[({{O}_{2}})(g)\to {{O}^{.}}(g)+{{O}^{.}}(g),\]
    विशेष- ओजोन का विघटन- यह ऊष्मागतिकीय रूप से अस्थायी होती है एवं आण्विक ऑक्सीजन में विघटित हो जाती है। इस प्रकार ओजोन के निर्माण एवं विघटन में एक गतिकीय साम्य स्थापित हो जाता है। अभी हाल ही के वषोर्ं में समतापमंडल में कुछ रसायनों की उपस्थिति के कारण ओजोन की इस सुरक्षा परत में क्षय हुआ हैं। ओजोन परत में अवक्षय का मुख्य कारण क्लोरो- फ्लोरोकार्बन यौगिकों (CFCs) का उत्सर्जन है। जिन्हें ‘फ्रियोन’ भी कहा जाता है। ये यौगिक अक्रिय, अज्वलनशील, विषहीन कार्बनिक अणु हैं।  अत: इनका उपयोग रेफ्रिजरेटर, एयरकन्डीशनर आदि में तथा प्लास्टिक फोम के निर्माण एवं कप्यूटर उद्योग में कंप्यूटर के पुजों की सफार्इ करने में होता है। CFCs एक बार वायुमंडल में उत्सर्जित होने पर वायुमंडल की अन्य गैसों से मिश्रित होकर सीधे समतापमंडल में पहुंच जाते हैं। समतापमंडल में ये शक्तिशाली विकिरणों द्वारा विघटित होकर क्लोरीन मुक्त मूलक उत्सर्जित करते हैं।
    \[C{{F}_{2}}C{{l}_{2(g)}}\to Cl{{.}_{(g)}}+.C{{F}_{2}}C{{l}_{(g)}}\]
    क्लोरीन मुक्त मूलक तब समतापमंडलीय ओजोन से अभिक्रिया कर के क्लोरीन मोनोऑक्साइड मूलक तथा आण्विक ऑक्सीजन बनाते हैं।
    \[C{{l}_{(g)}}+{{O}_{3(g)}}\to Cl{{O}^{.}}_{(g)}+{{O}_{2(g)}}\]
    क्लोरीन मोनोऑक्साइड मूलक परमाण्वीय ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अधिक क्लोरीन मूलक उत्पन्न करता है। \[.Cl{{O}_{(g)}}+{{O}_{(g)}}\to Cl{{.}_{(g)}}+{{O}_{2(g)}}\]•


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