Super Exam Geography Rocks and Soil / चट्टानें और मिट्टी Question Bank भारत की मृदा

  • question_answer
    मृदा अपरदन के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये
    1. पवन और जल मृदा अपरदन के दो शक्तिशाली कारक हैं।
    2. समतल भूमियों पर मूसलाधार वर्षा के बाद परत अपरदन होता है।
    3. अवनालिका अपरदन सामान्यत: तीव्र ढालों पर होता है। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

    A) केवल 1                    

    B) केवल 1 और 2

    C) केवल 2 और 3                          

    D) 1, 2 और 3

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - 1, 2 और 3
    व्याख्या - मृदा आवरण का विनाश, ‘मृदा अपरदन’ कहलाता है।
    पवन और जल मृदा अपरदन के दो शक्तिशाली कारक हैं। पवन द्वारा अपरदन शुष्क और अर्द्धशुष्क प्रदेशों में होता है। भारी वर्षा और खड़ी ढालों वाले प्रदेशों में बहते हुए जल द्वारा अपरदन महत्वपूर्ण होता है। जल अपरदन अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है और यह भारत के विस्तृत क्षेत्रों में हो रहा है।
    जल अपरदन दो रूपों में होता है- परत अपरदन और अवनालिका .अपरदन। परत अपरदन समतल भूमियों पर मूसलाधार वर्षा के बाद होता है। यह अपरदन अधिक हानिकारक है, क्योंकि इससे मिट्टी की सूक्ष्म और अधिक उर्वर ऊपरी परत हट जाती है।
    अवनालिका अपरदन सामान्यत: तीव्र ढालों पर होता है। वर्षा से गहरी हुर्इ अवनालिकाएं कृषि भूमियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में खंडित कर देती हैं, जिससे वे      कृषि के लिये अनुपयुक्त हो जाती हैं ।


You need to login to perform this action.
You will be redirected in 3 sec spinner