Super Exam Indian Polity and Civics Procedure for Constitutional Amendment Question Bank संविधान संशोधन की प्रकिया

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    सही सुमेलित कीजिएः
    सूची-I (संविधान संशोधन) सूची-II (प्रावधान)
    A. प्रथम संविधान संशोधन (1951) 1. पुडुचेरी को भारत का अंग बनाया गया।
    B. 14वाँ संविधान संशोधन (1962) 2. मौलिक अधिकार में समानता, स्वतंत्रता तथा सम्पत्ति के अधिकार को सीमित किया गया।
    C. 42वाँ संविधान संशोधन (1976) 3. दल-बदल विरोधी विधि बनाई गई।
    D. 52वाँ संविधान संशोधन (1985) 4. प्रस्तावना में सम्पूर्ण प्रभुत्व, लोकतांत्रिका गणराज्य के साथ पंथनिरपेक्ष्ज्ञ, समाजवादी तथा राष्ट्र की एकता के साथ अखण्डता शब्द जोड़ा गया।

    A) A-3, B-4, C-1, D-2

    B) A-2, B-1, C-4, D-3

    C) A-2, B-3, C-1, D-4

    D) A-4, B-3, C-2, D-1

    Correct Answer: B

    Solution :

    व्याख्या-
    सूची-I (संविधान संशोधन) सूची-II (प्रावधान)
    A. प्रथम संविधान संशोधन (1951) 1. मौलिक अधिकार में समानता, स्वतंत्रता तथा सम्पत्ति के अधिकार को सीमित किया गया।
    B. 14वाँ संविधान संशोधन (1962) 2. पुडुचेरी को भारत का अंग बनाया गया।
    C. 42वाँ संविधान संशोधन (1976) 3. प्रस्तावना में सम्पूर्ण प्रभुत्व, लोकतांत्रिका गणराज्य के साथ पंथनिरपेक्ष, समाजवादी तथा राष्ट्र की एकता के साथ अखण्डता शब्द जोड़ा गया।
    D. 52वाँ संविधान संशोधन (1985) दल-बदल विरोधी विधि बनाई गई।
    टिप्पणी-महत्वपूर्ण संविधान संशोधन की सूचीः
    संविधान संशोधन प्रावधान
    प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, (1951) मौलिक अधिकारों में समानता, स्वतन्त्रता तथा सम्पत्ति के अधिकार को सीमित किया गया।
    द्वितीय संविधान संशोधन अधिनियम, (1952) संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित किया गया।
    7वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1956) राज्यों का पुनर्गठन-14 राज्य तथा 6 केन्द्रशासित प्रदेश, लोकसभा एवं राज्यसभा में सीटों का पुनर्वितरण, संघ राज्यक्षेत्र का प्रावधान।
    10वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1956)    दादरा एवं नागर हवेली को भारत का अंग बनाया गया।
    12वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1962) गोवा, दमन एवं दीव को भारत का अंग बनाया गया।
    13वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1962) नागालैण्ड को भारत का नया राज्य घोषित किया गया (कुछ विशेष उपबन्धों के साथ)।
    14वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1962) पुडुचेरी को भारत का अंग बनाया गया।
    26वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1971) राजाओं के प्रिवीपर्स तथा विशेषाधिकार को समाप्त किया गया।
    31वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1973) लोकसभा की सदस्य संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गई।
    36वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1975) सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और उसे संविधान की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया।
    39वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1975) राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमन्त्री के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती।
    42वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1976) इसे लघु संविधान भी कहते है (कुल 55 अनुच्छेदों में  संशोधन किया गया था)। प्रस्तावना में सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पत्न, लोकतंत्रात्मक गणराज्य के साथ पंथनिरपेक्ष, समाजवादी तथा राष्ट्र की एकता के साथ अखण्डता शब्द जोड़ा गया। राज्य के नीति-निदेशक तत्वों का विस्तार किया गया, साथ ही इसमें मौलिक अधिकारों पर नीतिनिदेशक तत्वों की प्राथमिकता स्थापित की गई। संविधान संशोधनों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। मौलिक कर्तव्यों का समावेश किया गया। राष्ट्रपति मन्त्रिमण्डल की सलाह मानने के लिए बाध्य है। आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रपति पूरे देश के साथ- साथ देश के किसी एक भाग में भी अनुच्छेद 352 के तहत आपात की घोषणा कर सकता राज्यों में आपातकालीन घोषणा 6 माह से 1 वर्ष की गई। समवर्ती सूची में जोड़े गए-वन, वन्य प्राणी की सुरक्षा, न्यायिक प्रशासन, शिक्षा, नाप तथा तौल।  
    44वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, (1978) सम्पत्ति के मौलिक अधिकार को हटाकर उसेविधिक अधिकार बना दिया गया और सम्पति के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद-300(क) में शामिल कर दिया गया। राष्ट्रपति को मंत्रिमण्डल की सलाह के पुनर्विचार के लिए एक बार लौटाने के बाद दोबारा उसे मानना बाध्यकारी किया गया। राष्ट्रीय आपात के संदर्भ में ’आंतरिक अशांति’ शब्द के स्थान पर ’सशस्त्र विद्रोह’ शब्द कर दिया गया। अनुच्छेद-20 और 21 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को राष्ट्रीय आपातकाल में निलंबित नहीं। जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतन्त्रता तथा प्रेस की स्वतन्त्रता को सुनिश्चित किया गया। ’सशस्त्र विद्रोह’ की स्थिति में आपात घोषणा मन्त्रिमण्डल की लिखित सलाह पर की जाएगी।
    45वाँ संविधान संशोधन                अधिनियम, (1980) अनुसूचित जाति/जनजाति एवं एंग्लो-इण्डियन समुदाय के लिए व्यवस्थापिकाओं में सीटों का आरक्षण 10 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया।
    52वर्ष संविधान संषोधन अधिनियम, 1985 (इसे दल-बदल विरोधी विधि के रूप में जाना जाता है) दल-बदल पर रोक लगाई गई तथा इस संबंध में संविधान में दसवीं अनुसूची बनाई गई।


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