Super Exam Indian Polity and Civics Parliament Question Bank संसद

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    निम्नलिखित में से कौन-सी एक सबसे बड़ी संसदीय समिति है? (INDIAN POLITY-2014)

    A) लोक लेखा समिति

    B)          प्राक्कलन समिति

    C) सरकारी उपक्रम समिति

    D)           याचिका समिति (कमिटी ऑन पिटिशंस)  

    Correct Answer: B

    Solution :

    व्याख्या-संसद का बहुत-सा काम सभा की समितियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें संसदीय समितियां कहते हैं। संसदीय समिति से तात्पर्य उस समिति से है, जो सभा द्वारा नियुक्त या निर्वाचित की जाती है तथा आध्यक्ष द्वारा नाम निर्देशित की जाती है और अध्यक्ष के निर्देशानुसार कार्य करती है तथा अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। अपनी प्रकृति के अनुसार, संसदीय समितियां दो प्रकार की होती हैं-स्थायी समितियां एवं तदर्थ समितिया: 1. लोक लेखा समितिः दोनों सदनों द्वारा निर्वाचित कुल 22 सदस्य इस समिति के सदस्य होते हैं, जिनमें 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से आते हैं। यह समिति भारत सरकार के विनियोग लेखा और उन पर नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन की जांच करती है। इस समिति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है। 2. प्राक्कलन समितिः इस समिति में सदस्यों की संख्या 30 होती है। इसके सदस्य केवल लोकसभा द्वारा निर्वाचित होते हैं। इसका कार्यकाल 1 वर्ष होता है। प्राक्कलन समिति यह बताती है कि प्राक्कलनों में निहित नीति के अनुरूप क्या मितव्ययिता बरती जा सकती है, तथा संगठन, कार्य कुशलता और प्रशासन में क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं। यह संसद की सबसे बड़ी समिति है। 3. सरकारी उपक्रम समितिः इस समिति में कुल 22 सदस्य होते हैं जिनमें 15 लोकसभा और 7 राज्यसभा द्वारा निर्वाचित होते हैं। इस समिति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है। यह समिति सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं की जांच तथा यदि सरकारी उपक्रमों के संबंध में भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक की कोई रिपोर्ट हो तो उसकी जांच भी करती है। सरकारी उपक्रमों की स्वायत्तता और कार्यकुशलता के संदर्भ में भी जांच करती है। 4. याचिका समितिः याचिका समिति के सदस्यों की संख्या 15 होती है। इसके सदस्य अध्यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित होते हैं। इसका कार्यकाल नियत नहीं है। पुनर्गठन किए जाने तक यह समिति बनी रहती है। इस समिति का कार्य लोकसभा को प्रस्तुत की गई याचिकाओं पर विचार करना और प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। टिप्पणी-यह समितियां सार्वजनिक व्यय पर संसदीय नियंत्रण का अंग है जबकि भारत का नियंत्रक व महालेखापरीक्षक संघ तथा राज्य दोनों के लेखाओं के परीक्षण का कार्य करता है।


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