MP State Exams Hindi MP SI Solved Papers MP-SI Samanya Hindi 27-Oct-2017, 9 AM

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    इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
    मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते,
    आग में उसको गला लोहा बनाता हूँ,
    और उस पर नींव रखता हूँ नये घर की,
    इस तरह दीवार फौलादी उठाता हूँ।
    मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने, जिसकी
    कल्पना की जीभ में भी धार होती है,
    वाण ही होते विचारों के नहीं केवल,
    स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है।
    प्रश्न- ‘'स्वप्न पर सही करना’' का क्या तात्पर्य है?
     

    A) कवि का तात्पर्य या नहीं है कि वह केवल स्वप्न अर्थात् कल्पना को ही आधार बना कर काव्य सुनता है

    B) कवि का तात्पर्य है कि वह केवल कल्पना को ही आधार बना कर काव्य रचना करता है

    C) कवि का तात्पर्य है कि वह केवल स्वप्न अर्थात् कल्पना को ही आधार बना कर काव्य रचना नहीं करता है

    D) कवि का तात्पर्य है कि वह केवल स्वप्न अर्थात् कल्पना को ही आधार बना कर काव्य रचना करता है

    Correct Answer: C


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