इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: |
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए, |
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए। |
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है, |
मरता है जो, एक ही बार मरता है। |
तुम स्वयं मरण के मुख पर, चरण धरो रे, |
जीना है तो मरने से नहीं डरो रे। |
प्रश्न- इन पंक्तियों का भाव लिखें? |
A) मनुष्य को आत्मसम्मान को खोकर नहीं जीना चाहिये, क्योंकि मृत्यु बार-बार आती है, उससे भयभीत होना चाहिए। अगर मनुष्य को जीना है तो मृत्यु को पराजित करके जीना चाहिए।
B) मनुष्य को अपने आत्मसम्मान को खोकर जीना चाहये, क्योंकि मृत्यु सिर्फ एक बार आती है, उससे भयभीत नहीं होना चाहिए। अगर मनुष्य को मरना है तो जीवन का पराजित करके मरना चाहिए।
C) मनुष्य को कभी अपने आत्मसम्मान को खोकर नहीं जीना चाहिये, क्योंकि मृत्यु सिर्फ एक बार आती है, उससे भयभीत नहीं होना चाहिए। अगर मनुष्य को जीना है तो मृत्यु को पराजित करके जीना चाहिए।
D) मनुष्य को कभी अपने आत्मसम्मान को खोकर जीना चाहिये, क्योंकि मृत्यु सिर्फ एक बार आती है, उससे भयभीत नहीं होना चाहिए। अगर मनुष्य को मरना है तो मृत्यु को पराजित करके जीना चाहिए।
Correct Answer: C
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