MP State Exams Hindi MP SI Solved Papers MP-SI Samanya Hindi 28-Oct-2017, 2 PM

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    इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
    छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
    मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए।
    दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
    मरता है जो, एक ही बार मरता है।
    तुम स्वयं मरण के मुख पर, चरण धरो रे,
    जीना है तो मरने से नहीं डरो रे।
    प्रश्न- ‘मरण के मुख पर चरण धरो’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

    A) कवि का तात्पर्य है कि वह मौत से डरे क्योंकि मौत से सभी डरते

    B) मरण के मुख पर चरण धरो से कवि का तात्पर्य है कि वह मौत से ना डरे अपितु मौत को अपने वश में करें।

    C) मरण के मुख पर चरण धरो से कवि का तात्पर्य है कि वह मौत से डरे किंतु जीवन को अपने वश में करे।

    D) कवि कहना चाहता है कि वो अत्यंत कायर है उन्हें मृत्यु का भय

    Correct Answer: B


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