question_answer5) 'तुम रवि से कौन सी सलाह लेने जा रहे हो, वह तो निरा 'मिट्टी का उल्लू' है। इस वाक्य में मिट्टी का उल्लू के लिए सही मुहावरे को बताइए।
इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दे:
कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज्जत आ गर्इ बाजारों में कब जागेंगे सोये सूरज कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूंज उठे यह नारा सारा देश हमारा।
प्रश्न- सोए सूरज से कवि का क्या तात्पर्य है?
A)
सोए सूरज से कवि का तात्पर्य शक्ति-पुंज विदेशियों से हैं जो अपनी शक्ति को भूले हुए हैं।
doneclear
B)
सोए सूरज से कवि का तात्पर्य शक्ति - पुंज प्रकृति से हैं जो अपनी शक्ति को भूले हुए है।
doneclear
C)
सोए सूरज से कवि का तात्पर्य शक्ति-पुंज भारतीयों से हैं जो अपनी शक्ति को भूले हुए हैं।
इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज्जत आ गई बाजारों में कब जागेंगे सोये सूरज ! कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूंज उठे यह नारा सारा देश हमारा।
प्रश्न- कवि जीने के लिए क्रूा सीखने को कह रहा है?
A)
कवि जीने के लिए मर जाने को कह रहा है।
doneclear
B)
कवि जीने के लिए चुप रहने की कला सीखने को कह रहा है।
doneclear
C)
कवि जीने के लिए चापलूसी करने की कला सीखने को कह रहा है।
doneclear
D)
कवि जीने के लिए आत्म बलिदान करने की कला सीखने को कह रहा है।
इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज्जत आ गई बाजारों में कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूंज उठे यह नारा सारा देश हमारा।
प्रश्न- इस कविता में किन समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है?
A)
देश की पर्वतीय सीमा, ठंडे पानी की समस्या, भाषायी भेद-भाव, राजनीति से सम्बन्धित समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
doneclear
B)
देश की पर्वतीय सीमा, पानी की समस्या, भाषायी भेद-भाव, राजनीति से सम्बन्धित समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
doneclear
C)
देश की ग्रामीण सीमा, पानी की समस्या, भाषायी भेद-भाव, राजनीति से सम्बन्धित समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
doneclear
D)
विदेश की पर्वतीय सीमा, पानी की समस्या, भाषायी भेद-भाव, राजनीति से सम्बन्धित समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज्जत आ गई बाजारों में कब जायेंगे सोये सूरज कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूंज उठे यह नारा सारा देश हमारा।
इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज्जत आ गई बाजारों में कब जागेंगे सोये सूरज कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूंज उठे यह नारा सारा देश हमारा।
प्रश्न- इस कविता का मूल भाव क्या है?
A)
इस कविता का मूल भाव देश के लिए बलिदान हो जाना है।
doneclear
B)
इस कविता का मूल भाव शिक्षा को बढ़ावा देना है।
doneclear
C)
इस कविता का मूल भाव, आपसी भार्इचारा और आपसी समझ, को बढ़ावा देना है।
doneclear
D)
इस कविता का मूल भाव आपसी झगड़े और समझ को बढ़ावा देना है।
इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कई लोग समझते हैं कि अनुशासन और स्वंतत्रता में विरोध है, किन्तु वास्तव में यह भ्रम है। अनुशासन के द्वारा स्वतंत्रता छिन नहीं जाती, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। सड़क पर चलने के लिए हम लोग स्वतंत्र हैं। हमें बायी तरफ से चलना चाहिए किन्तु चाहें तो हम बीच में भी चल सकते हैं। इससे हम अपने ही प्राण संकट में डालते हैं, दूसरों की स्वतंत्रता भी छीनते हैं। विद्यार्थी भारत के भावी निर्माता है उन्हें अनुशासन के गुणों का अभ्यास अभी से करना चाहिए। जिससे वे भारत के सच्चे सपूत कहला सकें।
प्रश्न- हम सड़क पर चलते हुए अपने प्राण संकट में कैसे डालते हैं?
A)
सड़क के किनारे चल कर हम अपने प्राण संकट में डालते हैं।
doneclear
B)
सड़क के बीच में चल कर हम अपने प्राण संकट में डालते हैं।
doneclear
C)
सड़क के बीच में चल कर हम अपने प्राण संकट में नहीं डालते हैं.
इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कई लोग समझते हैं कि अनुशासन और स्वंतत्रता में विरोध है, किन्तु वास्तव में यह भ्रम है। अनुशासन के द्वारा स्वतंत्रता छिन नहीं जाती, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। सड़क पर चलने के लिए हम लोग स्वतंत्र हैं। हमें बायी तरफ से चलना चाहिए किन्तु चाहें तो हम बीच में भी चल सकते हैं। इससे हम अपने ही प्राण संकट में डालते हैं। दूसरों की स्वतंत्रता भी छीनते हैं। विद्यार्थी भारत के भावी निर्माता है उन्हें अनुशासन के गुणों का अभ्यास अभी से करना चाहिए। जिससे वे भारत के सच्चे सपूत कहला सकें।
इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कई लोग समझते हैं कि अनुशासन और स्वंतत्रता में विरोध है, किन्तु वास्तव यह भ्रम है। अनुशासन के द्वारा स्वतंत्रता छिन नहीं जाती, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। सड़क पर चलने के लिए हम लोग स्वतंत्र हैं, हमें बायीं तरफ से चलना चाहिए किन्तु चाहें तो हम बीच में भी चल सकते हैं। इससे हम अपने ही प्राण संकट में डालते हैं। दूसरों की स्वतंत्रता भी छीनते हैं। विद्यार्थी भारत के भावी निर्माता है उन्हें अनुशासन के गुणों का अभ्यास अभी से करना चाहिए। जिससे वे भारत के सच्चे सपूत कहला सकें।
इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कई लोग समझते हैं कि अनुशासन और स्वंतत्रता में विरोध है, किन्तु वास्तव में यह भ्रम है। अनुशासन के द्वारा स्वतंत्रता छिन नहीं जाती, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। सड़क पर चलने के लिए हम लोग स्वतंत्र हैं, हमें बायीं तरफ से चलना चाहिए किन्तु चाहें तो हम बीच में भी चल सकते हैं। इससे हम अपने ही प्राण संकट में डालते हैं। दूसरों की स्वतंत्रता भी छीनते हैं। विद्यार्थी भारत के भावी निर्माता है उन्हें अनुशासन के गुणों का अभ्यास अभी से करना चाहिए। जिससे वे भारत के सच्चे सपूत कहला सकें।
इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें:
कई लोग समझते हैं कि अनुशासन और स्वंतत्रता में विरोध है, किन्तु वास्तव में यह भ्रम है। अनुशासन के द्वारा स्वतंत्रता छिन नहीं जाती, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। सड़क पर चलने के लिए हम लोग स्वतंत्र हैं, हमें बायीं तरफ से चलना चाहिए किन्तु चाहें तो हम बीच में भी चल सकते हैं। इससे हम अपने ही प्राण संकट में डालते हैं। दूसरों की स्वतंत्रता भी छीनते हैं। विद्यार्थी भारत के भावी निर्माता है उन्हें अनुशासन के गुणों का अभ्यास अभी से करना चाहिए। जिससे वे भारत के सच्चे सपूत कहला सकें।
प्रश्न- विद्यार्थी भारत के सच्चे सपूत कैसे बनेंगे?
A)
विद्यार्थी सेना में भर्ती होकर भारत के सच्चे सपूत बन सकते हैं
doneclear
B)
विद्यार्थी अनुशासित दिनचर्या अपनाकर भारत के सच्चे सपूत बन सकते हैं।
doneclear
C)
विद्यार्थी अनुशासित दिनचर्या अपनाकर भारत के नागरिक बन सकते हैं।
doneclear
D)
विद्यार्थी अनुशासित रात्रिचर्या अपनाकर भारत के सच्चे सपूत बन सकते हैं।
question_answer59) छन्द का क्या नाम है: धर्म के मग में अधर्मी से कभी डरना नहीं। चेतकर चलना कुमारग में कदम धरना नहीं। शुद्ध भावों में भयानक भावना भरना नहीं। ज्ञानवर्धक लेख लिखने में कमी करना नहीं।।