विश्व भूगोलः एक सामान्य परिचय
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विश्व भूगोल: एक सामान्य परिचय
विश्लेषणात्मक अवधारणा
पृथ्वी की उत्पत्ति के संबंध में विभिन्न अनेक परिकल्पनाओं में प्रारंभिक एवं लोकप्रिय मत जर्मन दार्शनिक इमैनुअल कान्ट का है। 1796 र्इ. में लाप्लेस ने इसका संशोधन प्रस्तुत किया जो निहारिका परिकल्पना के नाम से जाना जाता है। आधुनिक समय में ब्रह्मांड की उत्पत्ति संबंधी सर्वमान्य सिद्धांत बिग बैंग सिद्धांत है। 1920 र्इ. में एडविन हब्बल ने सिद्ध किया कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। हमारे सौरमंडल में सूर्य (तारा), 8 ग्रह, अनेक उपग्रह, लाखों. क्षुद्र ग्रह (ग्रहों के टुकड़े), धूमकेतु एवं वृहत् मात्रा में धूलकण व गैस हैं।
सामान्य परिचय
§ भूगोल या Geography दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है, Geo का अर्थ होता है पृथ्वी और Graphaia का अर्थ लिखना या वर्णन करना होता है। अत: भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी का वर्णन करता है।
§ भूगोल या ज्योग्राफी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ग्रीक विद्वान इरैटोस्थनिज ने किया था इसलिए इन्हें भूगोल का पिता कहा जाता है।
§ भूआकृति विज्ञान भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें स्थलमंडल के भौतिक तत्वों का अध्ययन किया जाता है।
§ भूगोलवेत्ता हम्बोल्ट ने भूगोल की परिभाषा देते हुए लिखा है, भूगोल अध्ययन से संबंधित विद्या है।
§ हम्बोल्ट को आधुनिक भूगोल का जनक कहा जाता है।
ब्रह्माण्ड
§ ब्रह्माण्ड के अन्तर्गत उन समस्त आकाशीय पिंडों एवं उल्काओं तथा समस्त सौर परिवार, जिसमें सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी आदि भी शामिल हैं, का अध्ययन किया जाता है।
§ आकाशगंगा, करोड़ों तारों, बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है। इस प्रकार की लाखों आकाशगंगाएं मिलकर ब्रह्माण्ड का निर्माण करती हैं।
§ ब्रह्माण्ड के नियमित अध्ययन का प्रारम्भ क्लाडियस टालेमी द्वारा किया गया।
§ टालेमी के अनुसार पृथ्वी ब्रह्माण्ड के केंद्र में है तथा सूर्य और अन्य ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं।
§ कापरनिकस ने पृथ्वी के बजाय सूर्य को केंद्र के रूप में स्वीकार किया।
ब्रह्माण्ड उत्पत्ति की वैज्ञानिक परिकल्पनाएं
बिग - बैंग सिद्धांत |
जॉर्ज ली मैत्रे |
निरंतर उत्पत्ति का सिद्धांत |
थॉमस गोल्ड और हमैन बॉण्डी |
संकुचन विमोचन का सिद्धांत |
डॉ एलेन सैण्डिज |
सौरमण्डल
सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड जैसे क्षुद्रग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं।
बुध
बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह एवं सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है।
§ यह 88 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा पूर्ण कर लेता है।
§ इस ग्रह पर तापान्तर सभी ग्रहों में सबसे अधिक है।
§ इसका कोर्इ प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।
शुक्र
§ यह 225 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा पूर्ण कर लेता है।
§ अन्य ग्रहों के विपरीत यह सूर्य की परिक्रमा पूर्व से पश्चिम दिशा में करता है।
§ चूंकि यह सुबह पूर्व दिशा में एवं शाम को पश्चिम दिशा में दिखार्इ देता है, इसलिए इसे. भोर का तारा या सांझ का तारा भी कहते हैं।
§ आकार एवं द्रव्यमान में पृथ्वी के लगभग समान होने के कारण इसे पृथ्वी की बहन कहा जाता है।
§ इसका कोर्इ प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।
पृथ्वी
§ पृथ्वी सूर्य से दूरी क्रम में तीसरा ग्रह और सौर मंडल का पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है।
§ पृथ्वी, शुक्र एवं मंगल ग्रह के बीच स्थित है। पृथ्वी, सूर्य की एक परिक्रमा को पूरा करने के लिए 365 दिन 5 घंटे 56 मिनट 4 सेकेंड का समय लेती है।
§ यह अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व घूमती है और अपनी धुरी या अक्ष पर \[23{\scriptstyle{}^{1}/{}_{2}}{}^\circ \]झुकी हुर्इ है।
§ पृथ्वी की सतह पर मानव अनुकूल तापमान की उपस्थिति और ऑक्सीजन और पानी की पर्याप्त मात्रा की उपस्थिति के कारण ही केवल इसी ग्रह पर जीवन मौजूद है। अन्तरिक्ष से देखे जाने पर जल की अधिकता के कारण नीला । दिखार्इ देता हैय अत: इसे नीला ग्रह भी कहते हैं।
§ चंद्रमा इस ग्रह का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
मंगल
§ मंगल की सतह लाल होने के कारण इसे लाल ग्रह भी कहते हैं।
§ इस ग्रह के दो प्राकृतिक उपग्रह फोबोस और डीमोस है।
§ इस ग्रह का सबसे ऊंचा बिंदु निक्स ओलम्पिया है।
§ मार्स ऑर्बिटल मिशन (एमओएम), इसरो द्वारा 5 नवम्बर 2013 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। इसे मंगलयान भी कहते है।
बृहस्पति
§ बृहस्पति सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
§ गैन्नीमेड इस ग्रह के साथ ही साथ सौर मंडल का भी सबसे बड़ा उपग्रह है।
§ इस ग्रह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की अपेक्षा एक करोड़ गुना अधिक है।
§ अपनी स्वयं की रेडियो ऊर्जा की उपस्थिति के कारण, इसमें ग्रह और एक तारे दोनों के गुण होते हैं।
§ ग्रेट रेड स्पॉट की उपस्थिति इसकी सबसे प्रमुख विशेषता है, जिसको ग्रह के वातावरण में एक जटिल तूफान माना जाता है।
§ इस ग्रह को लघु सौर मंडल के रूप में भी जाना जाता है।
शनि
§ शनि सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
§ यह सौर मंडल का अंतिम ग्रह है जिसे खुली आंखों से देखा जा सकता है।
§ इसके 82 प्राकृतिक उपग्रह हैं जिनमें से टाइटन सबसे बड़ा उपग्रह है।
§ टाइटन मंगल ग्रह की तरह रंग में नारंगी दिखार्इ देता है, और इसका स्वयं का वातावरण और गुरुत्वाकर्षण बल है।
§ गुरुत्वाकर्षण बल के कारण, वे ग्रह के चारों ओर सामूहिक रूप् से परिक्रमा करते हैं।
§ इसे गैसों का गोला एवं गैलेक्सी समान ग्रह भी कहा जाता है।
§ फोबे उपग्रह शनि की कक्षा में घूमने के विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।
अरुण
§ 1781 र्इ. में सर विलियम हर्शेल ने इसकी खोज की थी।
§ उच्च अक्षीय झुकाव के कारण इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है।
§ यह सूर्य की परिक्रमा पूर्व से पश्चिम की ओर करता है।
§ वातावरण में मिथेन की उपस्थिति के कारण, यह नीला-हरा रंग का दिखार्इ देता है।
§ इसके ध्रुवीय क्षेत्रों में सर्वाधिक सौर ताप और प्रकाश की प्राप्ति होती है।
वरुण
§ यह ग्रह सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर स्थित ग्रह है।
§ इसकी खोज 1846 र्इ. में जर्मन खगोलविज्ञानी जॉन गॉले द्वारा की गयी थी।
§ इसके 13 प्राकृतिक उपग्रह हैं जिनमें से ट्रिटोन और मेरीड प्रमुख हैं।
प्लूटो
§ प्लूटो को 1930 र्इ. में सी. टोम्बैग द्वारा खोजा गया था और तत्कालीन समय मे इसे सौर मंडल का नौवां और सबसे छोटा ग्रह माना गया था।
§ वैज्ञानिकों ने 24 अगस्त 2006 को अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) के शिखर सम्मेलन में ग्रहों की एक नर्इ परिभाषा दी गर्इ।
§ नर्इ परिभाषा के अनुसार प्लूटो ग्रह की श्रेणी से बाहर हो गया। वस्तुत: प्लूटो की कक्षा नेप्च्यून की कक्षा को अतिक्रमित करती है। जो कि ग्रहों की नर्इ परिभाषा के विपरीत था इसीलिए इसे बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया।
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