संसाधन एवं उद्दोग
विश्लेषणात्मक अवधारणा
आर्थिक विकास का संबंध मानवीय उपभोग की विविध वस्तुओं के उत्पादन में प्रगतिशल वृद्धि से है और किसी भी देश का विकास ऊर्जा आपूर्ति के नियमित तथा निरंतर उत्पादन चक्र की गतिशीलता के बिना सुनिश्चित करना संभव नहीं है। वर्तमान समय में पेट्रोलियम, विद्युत, कोयला, जल एवं आणविक शक्ति के अलावा वायु एवं सौर ऊर्जा विकसित और विकासशील देशों के लिये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। उद्योगों की अवस्थिति अनेक कारकों से प्रभावित होती है। इनमें कच्चे माल की उपलब्धि, ऊर्जा, बाजार, पूंजी, परिवहन, श्रमिक आदि प्रमुख हैं। इन कारकों का सापेक्षिक महत्त्व समय, स्थान, आवश्यकता, कच्चे माल और उद्योग के प्रकार के अनुसार बदलता रहता है।
- क्रिवायरॉग लौह-अयस्क के लिए प्रसिद्ध है।
- ‘क्रियावरॉग’ यूक्रेन में स्थित है।
- अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश जाम्बिया है।
- विश्व में सबसे पहले नाइट्रेट की प्राप्ति चिली के पठार से हुर्इ।
- जस्ता व सीसा को ‘जुड़वां खनिज’ कहा जाता है।
- ग्रेफाइट को प्लंबगों के नाम से जाना जाता है।
- कालगुर्ली स्वर्ण के लिए प्रसिद्ध है।
- बोलीविया के पठार से टिन का सबसे अधिक खनन किया जाता है।
- सिलिकॉन घाटी कैलिफोर्निया में स्थित है।
- लौह-अयस्क का महत्वपूर्ण प्रकार हेमेटाइट है।
- विश्व में सबसे अधिक बॉक्साइट ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। खनिज पदार्थो र्की दृष्टि से भारत का छोटा नागपुर का पठार क्षेत्र समृद्ध है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे बड़ी स्वर्ण खान ‘होमस्टेक’ दक्षिणी डकोटा में स्थित है।
- सोना एक धात्विक खनिज है।
- विश्व में कनाडा में यूरेनियम का विशाल भंडार है।
- किंबरले हीरा खनन के लिए प्रसिद्ध है।
- कनाडा को यूरेनियम सिटी स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है।
- जापान बड़ी मात्रा में लौह-अयस्क का आयात करता है।
- ‘मेसाबी रेंज’ लौह-अयस्क से संबंधित है।
- मॉलिब्डेनम को आण्विक खनिज के नाम से जाना जाता है।
- वे उद्योग जो अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करते हैं, मूलभूत उद्योग कहलाते हैं।
- उद्योगों के स्थानीयकरण हेतु ‘आइसोडोपन’ शब्द का प्रयोग वेबर ने किया।
- इलेक्ट्रॉनिक उद्योग ‘फूट लूज’ उद्योग है।
- लौह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग माना जाता है।
- चीन ने सर्वप्रथम कागज बनाना प्रारम्भ किया।
- विश्व में अखबारी कागज का सबसे बड़ा उत्पादक देश कनाडा है।