औरंगजेब

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विश्लेषणात्मक अवधारणा

मुगल बादशाहों में सिर्फ एक शख्स भारतीय जनमानस के बीच जगह बनाने में नाकामयाब रहा वो था आलमगीर औरंगजेब।

औरंगजेब ने 15 करोड़ लोगों पर करीब 49 सालों तक राज किया। उनके शासन के दौरान मुगल साम्राज्य इतना फैला कि पहली बार उन्होंने करीब करीब पूरे उपमहाद्वीप को अपने साम्राज्य का हिस्सा बना लिया। आम लोगों के बीच औरंगजेब की छवि हिंदुओं से नफरत करने वाले धार्मिक उन्माद से भरे कट्टरपंथी बादशाह की है, जिसने अपने राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने बड़े भाई दाराशिकोह को भी नहीं बख्शा।

और तो और उसने अपने वृद्ध पिता तक को उनके जीवन के आखिरी साढ़े सात सालों तक आगरा के किले में कैदी बना कर रखा। इतिहासकारों के अनुसार भारत में विभाजन के बीज उसी समय बो दिए गए थे जब औरंगजेब ने अपने भाई दारा को हराया था। जवाहरलाल नेहरू ने भी 1946 ई. में प्रकाशित अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया में औरंगजेब को एक धर्माध और पुरातनपंथी शख्स के रूप में पेश किया है।

 

 

औरंगजेब

पूरा नाम

मुईनुद्दीन मुहम्मद औरंगजेब

उपाधि

बहादुर (शाहजहां द्वारा)

जन्म

24 अक्टूबर 1618 ई.

जन्मभूमि

उज्जैन, दोहद (म.प्र.)

पिता

शाहजहां

माता

मुमताज

पत्नी

दिलरास बानो बेगम

मृत्युतिथि

3 जनवरी 1707 ई.

मृत्यु स्थान

आगरा

 

औरंगजेब शाहजहां और मुमताज के पुत्र औरंगजेब का जन्म 4 नवंबर 1618 में गुजरात के दोहद में हुआ।

औरंगजेब के बचपन का अधिकांश समय नूरजहां के पास बीता था।

18 मई 1637 को फारस के राजघराने की ‘दिलरास बानो ‘बेगम’ के साथ औरंगजेब का निकाह हुआ।

आगरा पर कब्जा कर जल्दबाजी में औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक ‘बहादुर आलमगीर’ की उपाधि से 31 जुलाई 1658 को दिल्ली में करवाया।

सम्राट औरंगजेब ने इस्लाम धर्म के महत्व को स्वीकारते हुए ‘कुरान’ को अपने शासन का आधार बनाया।

औरंगजेब के गुरु मीर मुहम्मद हकीम ‘खजुवा’ थे।

‘देवराई’ के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई 1659 को औरंगजेब ने दिल्ली में प्रवेश किया।

1686 ई. में बीजापुर और 1697 ई. में गोलकुंडा को औरंगजेब ने मुगल शासन में मिला लिया।

गुरु तेग बहादुर सिंह ने औरंगजेब की नीतियों का विरोध किया और इस्लाम धर्म स्वीकार करने से इंकार कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली में कैद कर औरंगजेब ने दिसंबर, 1765 हत्या करवा दी।

22 मई 1666 में आगरे के किले के दीवान-ए-आम में औरंगजेब के सामने शिवाजी उपस्थित हुए और उन्हें कैद करके जयपुर भवन में रखा गया।

औरंगजेब ने अप्रैल, 1679 को हिन्दुओं पर दोबारा ‘जजिया’ कर लगा  दिया। सर्वप्रथम जजिया कर मारवाड़ पर लागू किया गया।

औरंगजेब ने 1679 ई. में लाहौर की बादशाही मस्जिद बनवाई थी। औरंगजेब ने औरंगाबाद में 1678 ई. में बीबी का मकबरा अपनी पत्नी रबिया दुर्रानी की स्मृति में बनवाया था।

औरंगजेब ने दिल्ली के लाल किले में मोती मस्जिद बनवाई थी  औरंगजेब के समय सूबों की संख्या 20 थी।

औरंगजेब के समय में हिंदू मनसबदारों की संख्या 337 थी जो अन्य मुगल सम्राटों की तुलना में सबसे अधिक थी।

औरंगजेब के पुत्र शहजादा अकबर ने दुर्गादास के बहकावे में आकर अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया।

औरंगजेब ने कुरान को अपने शासन का आधार बनाया, औरंगजेब ने सिक्के पर कलमा खुदवाना, नवरोज त्यौहार मनाना, झरोखा दर्शन, भांग की खेती करने पर रोक लगा दी था।

औरंगजेब 1699 ई. में हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया। औरंगजेब की मृत्यु 4 मार्च 1707 में हो गई।

औरंगजेब को दौलताबाद में स्थित फकीर बुरुहानुद्दीन की कब्र के अहाते में दफना दिया गया थी।

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