निम्नलिखित कथनों पर विचार करें |
1. जिन शेयरों का क्रय-विक्रय नियमित रूप से प्रतिदिन शेयर बाजार में होता है- एक्टिव शेयर होते हैं। |
2. किसी कंपनी द्वारा जारी नये शेयरों को क्रय करने का प्रथम अधिकार वर्तमान शेयर होल्डर को होता है। |
3. किसी कंपनी के शेयरों की संध्या में वृद्धि बोनस शेयर कहलाती है। उपरोक्त में से कौन-सा कथन सत्य है? |
A) केवल 1
B) 1 और 2
C) 1, 2 और 3
D) उपरोक्त में से कोई नहीं
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर- 1 और 2 |
व्याख्या |
· एक्टिव शेयर:- वे शेयर जिनका क्रय-विक्रय नियमित रूप से प्रतिदिन शेयर बाजार में होता है एक्टिव शेयर कहलाते हैं। |
· राइट शेयर:- किसी कम्पनी द्वारा जारी नये शेयरों को क्रय करने का पहला अधिकार वर्तमान शेयरहोल्डरों के मध्य आनुपातिक रूप से बाँट दिया जाता है, तो इसे बोनस शेयर के रूप में जाना जाता है। |
· पूर्वाधिकार शेयर:- शेयरों को पूर्वाधिकार शेयर कहा जाता है- जिनको सामान्यतः दो पूर्वाधिकार प्राप्त होते हैं। कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम इनको लाभांश का भुगतान किया जाता है तथा लाभांश की दर निश्चित होती है। यदि भविष्य में कम्पनी का समापन होता है, तो लेनदारों का भुगतान करने के बाद कम्पनी की सम्पत्तियों से वसूल की गयी राशि में से इस श्रेणी के शेयर होल्डर को अपनी पूंजी अन्य शेयरहोल्डर्स की तुलना में पहले प्राप्त करने का अधिकार होगा। |
· कंटेरियन शेयर:- इस श्रेणी में उन शेयरों को सम्मिलित किया जाता है, बाजार के रुख से अलग दिशा में चलते हैं अर्थात बाजार में शेयरों के भाव में वृद्धि हो रही है, तो इन शेयरों के भावण्कम हो जाते हैं और यदि बाजार का रुख गिरावट का है, तो इन शेयरों का मूल्य बढ़ जाता है। |
· डिफेंसिव शेयर:- जिन शेयरों के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव नहीं होते हैं, उनको डिफेंसिव शेयर कहा जाता है। इन शेयरों पर वर्तमान लाभ तथा पूंजीगत लाभ सामान्य दर से बढ़ता है। |
· इनसाइडर ट्रेडिंग:- यह एक अवैध कार्य है। जब उन व्यक्तियों द्वारा भारी मात्रा में शेयरों का क्रय-विक्रय करके लाभ कमाया जाता है, जिनके पास कम्पनियों की गुप्त सूचनाएँ रहती हैं, तो इस प्रकार के शेयरों के क्रय-विक्रय को इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है। |
· कैश ट्रेडिंग:- कैश ट्रेडिंग के अन्तर्गत शेयर सर्टिफिकेट तथा नकद धनराशि का लेन-देन अगली समायोजन तिथि से पहले ही हो जाना चाहिए। जब दलालों के सभी कैश ट्रेडिंग के लेन-देनों का समायोजन हो जाता है, तो इसकी समायोजन तिथि कहा जाता है। |
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