A) प्रजनन
B) प्रतिरूपण
C) उत्परिवर्तन
D) संयोजन
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - उत्परिवर्तन |
व्याख्या - उत्परिवर्तन - किसी भी जीवधारी की कोशिका के आनुवंशिकी पदार्थ में किसी भी प्रकार के स्थायी एवं वंशागत होने वाले अचानक परिवर्तन को उत्परिवर्तन (Mutation) कहते हैं। प्रकृति में म्यूटेशन होते ही रहते हैं किन्तु ध्यान केवल कुछ म्युटेशनों की ओर ही जा पाता है। इसका कारण यह है कि कुछ उत्परिवर्तन का प्रभाव बहुत ही सूक्ष्म होता है एवं कुछ उत्परिवर्तन अप्रभावी (रिसेसिव) होते हैं। उत्परिवर्तन किसी जीन के अंदर अनुक्रम-आधार परिवर्तन के फलस्वरूप होता है। उत्परिवर्तन का सिद्धान्त सर्वप्रथम ह्यूगो डी व्रीज ने दिया था। जहोंने नर्इ जातियों की उत्पत्ति के लिए उत्परिवर्तन को ही प्रमुख कारक माना। वीज की खोज के बाद उत्परिवर्तन का व्यापक कप से अध्ययन किया गया। उत्परिवर्तन के कारण होने वाले लक्षणों में परिवर्तन वंशागति में मेंडल के नियमों का पालन नहीं करते, अत: ये भी एक प्रकार के नॉन - मेंडेलियन वंशागति का उदाहरण प्रतिपादित करते हैं। |
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