A) पुत्रों में
B) पुत्रियों में
C) पुत्रों के पुत्रों में
D) पुत्रियों के पुत्रों में
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - पुत्रियों के पुत्रों में |
व्याख्या - वर्णान्धता रोग की वंशागति के महत्वपूर्ण तथ्य |
(i) सामान्य स्त्री एवं वर्णान्ध पुरुष की संतानों में वर्णान्धता की वंशागति - यदि एक वर्णान्ध पुरुष एक सामान्य महिला से विवाह करता है, इस स्थिति में उनके सभी पुत्र तथा पुत्रियों की ष्टि सामान्य होती है जबकि उसकी पुत्री वाहक का कार्य करेगी। अगली पीढ़ी में यह वाहक पुत्री यदि सामान्य पुरुष से विवाह करती है, तो उसके पुत्रों में वर्णाधता की संभावना 50 % होगी तथा कुछ पुत्र सामान्य होंगे, जबकि सभी पुत्रियां सामान्य ष्टि वाली ही होती हैं एवं वाहक होने की संभावना 50% होगी। यदि वाहक पुत्री किसी वर्णान्ध पुरुष से विवाह करती है, तो उसके पुत्रों के वर्णाध होने की संभावना 50% तथा पुत्रियां या तो वर्णान्ध या तो वाहक होंगी। उक्त उदाहरण से स्पष्ट होता है कि वर्णान्ध पिता की सामान्य पुत्री से उत्पन्न वर्णान्ध पुत्र में वर्णान्धता का लक्षण सामान्य ष्टि वाली पुत्री के माध्यम से ही वंशागत होता है। ऐसी वंशागति जिसमें विशिष्ट लक्षण पुत्री के माध्यम से द्वितीय पीढ़ी में हस्तांतरित होते हैं, क्रिस-क्रास इन्हेरिटन्स कहते हैं। ऐसी स्त्री जो स्वयं रोगी नहीं होती किन्तु दूसरी पीढ़ी से रोग के जीन्स को हस्तांतरित करने में माध्यम बनती है, वह वाहक (Carrier) कहलाती हैं। |
(ii) वर्णान्ध स्त्री का पिता सदैव ही वर्णान्ध होता है तथा उसकी माता रोग की वाहक होती है। |
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