A) हीमोफीलिया के लिए
B) क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के लिए
C) डाउन सिंड्रोम के लिए
D) टर्नर सिंड्रोम के लिए
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - डाउन सिंड्रोम के लिए |
व्याख्या - मानवों में गुणसूत्र संख्या 21 की त्रिगुणसूत्रता डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome) के लिए उत्तरदायी है। |
टिप्पणी - सेक्स-क्रोमोसोम असामान्यताएं - ऑटोसोम में संख्यात्मक परिवर्तन की अपेक्षा सेक्स-क्रोमोसोम में ऐसे परिवर्तन अधिक पाये जाते हैं, फलस्वरूप अनेक असामान्य स्थिति में बच्चे पैदा होते हैं। |
टर्नर-सिन्ड्रोम - जब किसी महिला में दो की अपेक्षा केवल एक सेक्स क्रोमोसोम हो तब उसे टर्नर-सिन्ड्रोम कहते हैं। इनकी कुल गुणसूत्र संख्या 45 होती है अथवा मोनोसोमिक 2n-1 या (44+XO)। इन स्त्रियों की लम्बार्इ कम, स्त्री-रूप अल्पविकसित और जननांग अल्पविकसित होते हैं। स्तनों का विकास ना होना, जनद (अण्डाशय) अनुपस्थित या अर्द्धविकसित होते हैं। मासिक धर्म भी नहीं होता है। इस प्रकार, ये स्त्रियां नपुंसक (Enuches) होती हैं। औसत 5000 जन्म पर एक टर्नर-सिन्ड्रोम वाली लड़की पैदा होती है। |
क्लाइनफेल्टर-सिन्ड्रोम - यह बीमारी पुरुषों में होती है। इनकी कोशिकाओं में 46 की अपेक्षा 47, 48 या 49 क्रोमोसोम हो सकते हैं। यह अतिरिक्त संख्या X अथवा Y क्रोमोसोम की होती है अर्थात सेक्स क्रोमोसोम दो के बजाय तीन हो जाते हैं प्राय: XXY होते हैं। ये सेक्स क्रोमोसोम के लिए ट्राइसोमिक होते हैं। शरीर Y गुणसूत्र की उपस्थिति से लगभग सामान्य पुरुषों जैसा होता है, जबकि एक अतिरिक्त X गुणसूत्र की उपस्थिति के कारण वृषण तथा अन्य जननांग कम विकसित जिससे शुक्राणु (Sperms) नहीं बनते। अत: ये भी नपुंसक होते हैं। प्राय: इनमें महिलाओं के समान (थोड़ा कम) स्तन विकसित होते हैं (गाइनीकोमैस्टिया)। क्लाइनफेल्टर पुरुषों में क्रोमोसोम निम्न प्रकार के हो सकते हैं |
(i) 44+XXY (एक अतिरिक्त X क्रोमोसोम) ¾ 47 |
(ii) 44+XXXY (दो अतिरिक्त X क्रोमोसोम) ¾ 48 |
(iii) 44+XXXXY (तीन अतिरिक्त X क्रोमोसोम ¾ 49 |
(iv) 44+XXYYxxyy (एक X एवं एक Y अतिरिक्त) ¾ 48 |
(v) 44+XXXYY (दो X एवं एक Y अतिरिक्त) ¾ 49 |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec