A) बिना मार्क्सवाद के मार्क्सवादी
B) बिना समाजवाद के समाजवादी
C) बिना व्यक्तिवाद के व्यक्तिवादी
D) समाजवादियों में एक व्यक्तिवादी और समाजवादियों में एक मार्क्सवादी
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - समाजवादियों में एक व्यक्तिवादी और समाजवादियों में एक मार्क्सवादी |
व्याख्या - गांधीजी के राज्य संबंधी विचारों को व्यवहारिक ष्टिकोण से व्यक्तिवादी कहा जा सकता है। हालांकि गांधीजी एक समाजवादी भी थे। वे व्यक्ति के विकास के साथ-साथ समाज के हित का ध्यान भी रखते थे। |
टिप्पणी - गांधीजी ने लुर्इ फिशर से स्वयं कहा, मैं सच्चा समाजवादी हूं। मेरे समाजवाद का अर्थ है सर्वोदय। विशेष - महात्मा गांधी के समाजवाद में मार्क्सवाद की भी झलक मिलती है। गांधीजी स्वयं कहते थे कि मैं उसी समस्या को सुलझाने में लगा हूं जो कि वैज्ञानिक समाजवाद के सामने है। अत: गांधीजी को समाजवादियों में एक व्यक्तिवादी और समाजवादियों में एक मार्क्सवादी कहा जा सकता है। |
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