निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (UPSC 2001) |
1. फीताकृमि (Tapeworm) उभयलिंगी (Hermaphrodite) हैं। |
2. गोलकृमि (Roundworms) में नर व मादा अलग-अलग होते हैं। |
3. फाइलेरिया (Filaria) सूत्रकृमि (Nematode) से होता है। |
4. गिनीकृमि (Guinea Worm) एनेलिड (Annelid) होता है। |
उपरोक्त में से कौन से कथन सही है? |
कूट: |
A) 1 और 2
B) 1, 2 और 3
C) 3 और 4
D) 2, 3 और 4
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - 1, 2 और 3 |
व्याख्या - फीताकृमि का शरीर फीते के समान लम्बा तथा देहखण्डों में बंटा हुआ होता है। इसलिए इन्हें फीताकृमि कहते हैं। देह का प्रत्येक खण्ड उभयलिंगी होता है, जिसमें नर एवं मादा अंगों के एक या दो साथ साथ पाए जाते हैं। यह प्लेटीहेल्मिन्थिज संघ में आता है। |
गोलकृमि का शरीर बेलनाकार होता है। जन्तु एकलिंगी होता है। (नर एवं मादा प्राय: भिन्न भिन्न होते हैं।) । फाइलेरिया एक प्रकार का रोग है जो वाउरेरिया बैन्क्रॉफ्टी द्वारा होता है। यह भी एक निमेटोड है। गिनीकृमि (Dracunculus medinensis) एक निमेटोड है। यह ड्रेकुनकुनेलिसिस नाम रोग का कारक है। |
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