A) जहांगीर
B) अकबर
C) हुमायूं
D) औरंगजेब
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - (a)जहांगीर |
व्याख्या - दुह-अस्पा और सिंह-अस्पा, दरअसल मनसबदारी प्रथा की ही एक व्यवस्था थी, हर मुगल शासक ने मनसबदारी प्रथा में थोड़ा बदलाव किया था और उसी के अनुसार बादशाह जहांगीर ने यह बदलाव किया था। |
टिप्पणी - जहांगीर ने एक ऐसी प्रथा चलाई, जिसमें बिना जात पद बढ़ाये ही मनसबदारों को अधिक सेना रखने को कहा जाता था। इस प्रथा को दुह-अस्पा एवं सिंह-अस्पा कहा जाता था। |
दुह-अस्पा में मनसबदारों को अपने सवार पद के दुगुने घोड़े रखने पड़ते थे। |
सिंह-अस्पा में मनसबदारों को अपने सवार पद के तीन गुने घोड़े रखने पड़ते थे। |
इसके अलावा यक्-अस्पा- में मनसबदारों को अपने सवार पद के अनुसार केवल एक ही घोड़े को रखना होता था। |
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