A) आइरिस
B) लेन्स
C) कॉर्निया
D) रेटिना
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर -कॉर्निया |
व्याख्या - सामान्यत: अन्धापन कॉर्निया के सख्त होने तथा सूखने से होता है। नेत्रगोलक के सबसे बाहरी स्तर को श्वेतपटल या स्क्ले रा कहते हैं। इसके अगले उभरे भाग को स्वच्छमंडल या कॉर्निया कहते हैं। कॉर्निया एक कोमल पारदर्शक झिल्ली से ढंका रहता है, जिसे कॉन्जक्टाइवा कहते हैं। स्क्लेरा नेत्र के सभी कोमल भागो की रक्षा करता है तथा नेत्रगोलक के आकार को संतुलित करने में सहायक होता है। कॉर्निया एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को स्थानान्तरित किया जा सकता है। इसे मनुष्य की मृत्यु के 6 घण्टे के बाद तक निकाल जा सकता है। नेत्र में प्रकाश इसी भाग से होकर प्रवेश करता है। |
टिप्पणी - आइरिस - कॉर्निया के पीछे रक्तक पटल(Sclera), दृढ़ पटल(Choroid) से अलग होकर भीतर की ओर झुक जाता है और कॉर्निया के पीछे एक गोल रंगीन पर्दा बनाता है, जिसे आइरिस कहते हैं। ये नेत्र तारे(Pupil) के व्यास को क्रमश: छोटा व बड़ा करके आखों में आने वाले प्रकाश क मात्रा को नियन्त्रित करता है। लेंस - आइरिस के पीछे एक पारदर्शी व उभयोत्ताल लेंस होता है, लेंस प्रकाश को समायोजित कर देखने में सहायता करता है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec