A) रेडियो तरंग
B) सूक्ष्म तरंग
C) अवरक्त तरंग
D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - अवरक्त तरंग | ||||||
व्याख्या - इनकी तरंगदैर्ध्य दृश्य प्रकाश से अधिक होती है। इसकी खोज हरशैल ने की थी। इनका प्रकीर्णन लाल रंग के दृश्य प्रकाश से भी कम होता है। इसलिए ये हरे व धुंध में भी काफी दूर तक चली जाती है। इनका प्रयोग लक्ष्य ढूंढ़ने, निरीक्षण, रात्रि दृष्टि आदि के लिए सैनिकों द्वारा किया जाता है। तरंगदैर्ध्य के बढ़ते क्रम में विद्युत चुम्बकीय तरंगे, उनके आविष्कर्ता, तरंगदैर्ध्य व आवृत्ति परास, स्रोत, संसूचक तथा उपयोग | ||||||
तरंग का | आविष्कर्ता | तरंगदैर्ध्य पराश | आवृत्ति पराश (हर्ट्ज) | स्त्रोत | संसूचक | उपयोग |
गामा किरणें | बैकुरल तथा क्यूरी (1896) | 0.0006 Å से 1 Å तक | \[5\text{ }\times \text{ }{{10}^{22}}\]से \[3\times {{10}^{18}}\] | रेडियो एक्टिव नाभिकोंके विघटन होने पर | उच्च वेधन क्षमता | कैंसर के इलाज में |
एक्स किरणे | राजन (1895) | 0.001 Å से 300 Å तक | \[3\times {{10}^{28}}\] से \[1\times {{10}^{16}}\] | तीव्र गामी इलेक्ट्रॉन पुंज को भारी धातु लक्ष्य द्वारा रोकने पर | लकड़ी या धातु के आवरण में रखी फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित कर देती है। | सर्जन चिकत्सा में तथा क्रिस्टल संरचना के अध्यन में |
पराबैगनी विकिरण | रिटर (1801) | 6 Å से 4000 Å तक | \[5\times {{10}^{17}}\] से \[8\times {{10}^{14}}\] | सूर्य, कार्बन, आर्क विद्युत विसर्जन नलिका | प्रकाश विद्युत प्रभाव उत्पन्न करते है तथा रासायनिक प्रभाव सर्वाधिक होता है। | अनेक रोगो के कीटाणुओ को मारने तथा प्रकाश विद्युत उत्सर्जन में |
दृश्य प्रकाश | न्यूटन (1666) | 4004 Å से 8000 Å तक | \[8\times {{10}^{14}}\] से \[4\times {{10}^{14}}\] | तापदीप्त वस्तुओं से | इसकी उपस्थिति में अन्य वस्तुए देखी जा सकती है। | अन्य वस्तुए देखने |
अवरक्त विकिरण | हरशैल (1840) | 8000 Å से \[{{10}^{7}}\] तक | \[4\times {{10}^{14}}\] से\[3\times {{10}^{11}}\] | गर्म वस्तुओं से | ऊष्मीय प्रभाव सर्वाधिक होता है। | रोगियों की सिकाई करने में, रात्रि फोटोग्राफी में |
माइक्रो तरंगे | हर्ट्ज (1888) | \[{{10}^{7}}\] से 3 \[\times \]\[{{10}^{9}}\]Å | \[3\times {{10}^{11}}\] से\[1\times {{10}^{9}}\] | स्फुलिंग, विसर्जन अथवा मैग्नेट्रॉन वाल्व द्वारा | क्रिस्टल संसूचक अथवा अर्द्ध-चालक चालक डायोड द्वारा | राडार तथा दूरसंचार में |
रेडियो (या बेतार तरंगे ) | मारकोनी (1895) | \[3\times {{10}^{9}}\] Å से \[6\times {{10}^{12}}\] Å तक | \[{{10}^{9}}\]से \[5\times {{10}^{5}}\] | दोलित विद्युत परिपथ द्वारा | परिपथ द्वारा | संचार प्रसारण तथा टेलीविजन में |
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