A) परावर्तन
B) अपवर्तन
C) विवर्तन
D) ध्रुवण
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - ध्रुवण |
व्याख्या - ध्वनि तरंगो का परावर्तन, विवर्तन, व्यतिकरण व अपवर्तन होता है। ध्वनि तरंगो में ध्रुवण नहीं होता है। क्योंकि ये अनुदैर्ध्य प्रकृति की होती है। |
विशेष |
ध्वनि तरंगों के गुण- इनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। इन तरंगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन करने में समय लगता है तथा सामान्य ताप व दाब पर इनका वेग 332 मीटर/सेकेंड होता है। इनकी प्रकृति अनुदैर्ध्य होती है। ध्वनि तरंगों का परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण एवं निवर्तन होता है। ध्वनि तरंगों का ध्रुवण नही होता है क्योंकि ये अनुदैर्ध्य प्रकृति की होती है। ध्वनि की चाल गैसों में सबसे कम, द्रवों में उससे अधिक तथा ठोसों में सबसे अधिक होती है। गैस का ताप बढ़ने पर उसमें ध्वनि की चाल बढ़ जाएगी। \[1{}^\circ C\] ताप बढ़ने से वायु में ध्वनि की चाल 0.61 मीटर/सेकेंड की दर से बढ़ जाती है। |
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