A) चतुर्वेदीमंगलम
B) परिषद्
C) अष्टदिग्गज
D) मणिग्राम
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर मणिग्राम |
व्याख्या दक्षिण भारत में व्यापारियों के निगम होते थे। व्यापारियों के स्थानीय संगठनों की संज्ञा नगरम् थी। इस प्रकार के संगठन कांची तथा मामल्लपुरम् में विद्यमान थे। व्यापारिक संगठन राजनैतिक गतिविधियों से उदासीन होकर अपना सारा समय व्यापार में ही लगाते थे। लेखों से हमें ज्ञात होता है कि मणिग्रामम्, नानादेशिस, बलंजियार, इंदमै, तेलिन आदि व्यापारिक संगठन थे। |
विशेष सबसे महत्वपूर्ण नानादेशिस नामक संगठन था जिसे अय्यवोलोपुर के पांच सौ स्वामियों के नाम से जाना जाता था।का उल्लेख मिलता है। इस ग्रंथ में प्रेम विवाह को पंचतिणै, एक पक्षीय प्रेम को कैक्किणे एवं अनुचित प्रेम को पेरुन्दिणै कहा गया है। |
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