निम्नलिखित में से कौन-सा/से टिण्डल प्रभाव से संबंधित है/हैं? |
1. सिनेमा प्रोजेक्टर में किरण पुंज का प्रोजेक्शन |
2. आसमान का नीला होना 3. तारों का टिमटिमाना |
कूट: |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) केवल 3
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - 1, 2 और 3 |
व्याख्या - कोलॉइडी विलयन के गुण कोलॉइडी विलयन में प्रकाश की किरण गुजरने से किरण के मार्ग में जो प्रदीप्ति (Luminosity) उत्पन्न होती है, उसे टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect ) या फैराडे-टिण्डल प्रभाव (Faraday tyndall Effect) कहते हैं। इस प्रभाव को सर्वप्रथम फैराडे ने प्रदर्शित किया था एवं टिण्डल ने इसका विस्तारपूर्वक अध्ययन किया था। |
टिण्डल प्रभाव के कुछ उदाहरण निम्न हैं - |
1. सिनेमा प्रोजेक्टर में किरण पुंज का प्रोजेक्शन, सिनेमा हॉल में उपस्थित धूल व धुआं द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है। |
2. आसमान का नीला होना या समुद्री जल का नीला दिखना भी कोलॉइडी धूल कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही है। तारों का टिमटिमाना (Twinkling of Stars) भी इसी प्रभाव के कारण ही है। |
नोट- टिण्डल प्रभाव देखने हेतु निम्न दो दशाओं का पालन होना चाहिए- |
(i) परिक्षिप्त प्रावस्था के कणों का व्यास, इसको देखने के लिए प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्घ्य से कम नहीं होना चाहिये। (ii) परिक्षिप्त प्रावस्था व परिक्षेपण माध्यम के अपवर्तनांकों के मान में अधिक अन्तर होना चाहिये। |
टिण्डल प्रभाव का महत्व (Importance of tydall effect) |
(i) अतिसूक्ष्मदर्शी (ultra microscope) की खोज में। |
(ii) वास्तविक विलयन व कोलॉइडी विलयन को विभेदित करने में। |
(iii) कोलॉइडी विलयन की विषमांगी प्रकृति को सुनिश्चित करने में। |
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