लौह और इस्पात के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- |
1. शुद्ध लोहा अत्यंत नर्म होता है। |
2. स्टेनलेस इस्पात प्राप्त करने के लिये लोहे में निकेल और क्रोमियम मिलाया जाता है। |
3. स्टेनलेस इस्पात कठोर होता है और उसमे जंग नहीं लगती है। |
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? |
A) केवल 1 और 2
B) केवल 2 और 3
C) केवल 1 और 3
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - 1, 2 और 3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
व्याख्या - लोहा अधिक उपयोग में आने वाली धातु है। शुद्ध लोहा अत्यंत नर्म होता है तथा गर्म करने पर सुगमता पूर्वक आकार में परिवर्तन किया जा सकता है। लेकिन | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इसमें थोड़ी कार्बन की मात्रा (लगभग 0.5%) मिला देने पर यह कठोर तथा मजबूत हो जाता है। स्टेनलेस इस्पात कठोर होता है, साथ ही उसमे जंग भी नहीं लगती है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विशेष - लोहे का निष्कर्षण (Extraction)- कारखानों में लोहा तीन रूपों में बनाया जाता है | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. ढलवां लोहा (Cast iron) - इसमें 2.2 से 4.5 प्रतिशत तक कार्बन रहता है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2. पिटवां लोहा (wrought iron) - इसमें 0.10 से 0.25 प्रतिशत तक कार्बन रहता है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
3. इस्पात (Steel) - इसमें 0.25 से 2.0 प्रतिशत तक कार्बन रहता है। ढलवां लोहे का निर्माण - वात्याभट्टी द्वारा पिटवां लोहे का निर्माण - इसमें सबसे कम अशुद्धियां होती हैं तथा कार्बन की मात्रा 0.10% से 0.25% तक होती है। इसे प्राप्त करने के लिए ढलवां लोहे को परावर्तनी भट्ठी में गर्म करते हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इस्पात- इसमें 98 से 99.7% आयरन और 0.25 से 2.0% कार्बन होता है। इसमें अशुद्धियां नहीं होती हैं। इस्पात का निर्माण ढलवें लोहे और पिटवें लोहे दोनों से किया जा सकता है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. पिटवां लोहे से इस्पात बनाना -सीमेण्टेशन विधि | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इस्पात निर्माण के दौरान \[C{{O}_{2}}\] बाहर निकलने के कारण इस्पात की सतह पर फफोले पड़ जाते है, अत: इस प्रकार प्राप्त इस्पात को फफोलेदार इस्पात (Blister Steel) कहते हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2. ढलवा लोहे से इस्पात बनाना - वर्तमान में इस्पात का निर्माण ढलवे लोहे से ही अधिक होता है। ढलवें लोहे से बना इस्पात पिटवें लोहे से बने इस्पात से कुछ सस्ता होता है। ढलवें लोहे से इस्पात निर्माण की कर्इ विधियां हैं- | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(i) बेसेमर प्रक्रम द्वारा (By Besseer's Process) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(ii) सीमेन और मार्टिन की खुले तल वाली भट्टी से | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(iii) विद्युत भट्ठी प्रक्रम से | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(iv) एल. डी. प्रक्रम से परीक्षा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विशेष - ढलवां लोहा, पिटवां लोहा और इस्पात के गुणों की तुलना - | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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