र्इश्वरचंद्र विद्यासागर के योगदान के संबंध में कौन-से कथन सत्य हैं? |
1. उन्होंने अपनी रचनाओं द्वारा बंगला में आधुनिक गद्य शैली के विकास में योगदान दिया। |
2. संस्कृत कॉलेज के दरवाजे गैर-ब्राह्मण विद्यार्थियों के लिये खोल दिये। |
3. विधवा पुनर्विवाह के लिये लंबा संघर्ष किया। श् |
A) केवल 1 और 2
B) केवल 2, 3
C) केवल 1 और 2
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - 1, 2 और 3 |
व्याख्या - र्इश्वरचंद्र विद्यासागर ने संस्कृत पढ़ाने की नर्इ तकनीक विकसित की। उन्होंने एक बंगला वर्णमाला लिखी जो आज तक इस्तेमाल की जाती है। उन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा बंगला में आधुनिक गद्य शैली के विकास में सहायता दी। र्इश्वरचंद्र विद्यासागर ने संस्कृत कॉलेज के दरवाजे गैर-ब्राह्मण विद्यार्थियों के लिये खोल दिये क्योंकि वे संस्कृत के अध्ययन पर ब्राह्मण जाति के तत्कालीन एकाधिकार के विरोधी थे। सबसे अधिक, विद्यासागर को देशवासी, भारत की पददलित नारी जाति को ऊंचा उठाने में उनके योगदान के कारण आज भी याद करते हैं। उन्होंने विधवा-पुनर्विवाह के लिये लंबा संघर्ष चलाया। हमारे देश की उच्च जातियों में पहला कानूनी हिंदू विधवा-पुनर्विवाह कलकत्ता में 7 दिसंबर 1856 को विद्यासागर की प्रेरणा और उनके संरक्षण में हुआ। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec