A) कथक
B) कथकली
C) भरतनाट्यम
D) मणिपुरी
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - कथकली | ||
व्याख्या - (i), (ii) एवं (iii) विशेषतायें कथकली नृत्य से सम्बंधित हैं। कथकली केरल के राज्य का एक नृत्य-नाटक का रूप है। कथकली विकास की एक लंबी प्रक्रिया की परिणति है जो कूडियाट्टम् (एक प्रकार का उच्च शैली का नाट्य) और कलारिपया (एक प्रकार का मार्शल आर्ट) के आत्मसात होने से बना है। इसकी मुख्य विशेषताएं अग्रानुसार हैं - कथकली विस्तृत हाथ के इशारों और लोकप्रिय मुद्राओं के साथ प्रदर्शित किया जाता है। कथकली की वेशभूषा और श्रृंगार कथकली प्रदर्शन की प्रतीकात्मक बारीकियों को दर्शाता है। कथकली संगीत की गायन शैली को एक विशिष्ट शैली में विकसित किया गया है। इसमें ढोलक, छंद आदि वाद्य यंत्रो का प्रयोग किया जाता है। कथकली में दो मुख्य संगीतकार होते हैं, जिसमें मुख्य संगीतकार को पोनानी और दूसरे को सिनकिडी के नाम से जाना जाता है। कथकली में नर्तक कुछ भी बोलते नहीं हैं, और इसका नाट्य गीत मनिप्रवालम में गया जाता है, जो की एक प्रकार की मलयालम भाषा है। | ||
टिप्पणी - | ||
· कथकली नृत्य में भौंहों, आंखों और निचली पलकों का प्रयोग होता है। इस नृत्य के अलावा अन्य किसी भी शास्त्रीय नृत्य में भौंहों, आंखों और निचली पलकों का एक साथ प्रयोग नहीं होता है। | ||
· दिव्य प्राणी, देवताओं, राक्षसों, और संतों के जीवन और कार्यों से संबंधित सबसे अलौकिक और पौराणिक पहलुओं को कथकली की सामग्री के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। | ||
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