A) ऐब्सिसिक अम्ल
B) जिबरेलिन
C) इन्डोल एसीटिक अम्ल
D) साइटोकाइनिन
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - एब्सिसिक अम्ल |
व्याख्या - एब्सिसिक एसिड (ABA) की खोज विलगन एवं प्रसुप्ति को नियमित करने में उसकी भूमिका के लिए हुर्इ थी। लेकिन अन्य दूसरे पी जी आर की भांति यह भी पादप वृद्धि एवं परिवर्धन (Development) में व्यापक दायरे में प्रभाव डालता है। यह एक सामान्य पादप वृद्धि तथा पादप उपापचय (Plant Metabolism) के निरोधक (Inhibitor) का काम करता है। |
सूखे के प्रति सहनशील पौधे सूखे की परिस्थितियों में एब्सिसिक अम्ल नामक पादप हॉर्मोन का संश्लेषण करते हैं, जिससे उन्हें जल को संरक्षित करने में मदद मिलती है। यह मुख्य रूप से हरी कोशिकाओं के क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है। इसका निर्माण जैन्थोफिल से होता है। यह फ्लोएम द्वारा संवहित होकर पौधों के अन्य स्थलों तक पहुंचता है। |
ए बी ए बीज के अंकुरण का विरोध करता है। यह बाह्यत्वचीय पट्टिकाओं में रंध्रों के बंद होने को प्रोत्साहित करता है तथा पौधों को विभिन्न प्रकार के तनावों को सहने हेतु क्षमता प्रदान करता है। इसी कारण इसे तनाव हार्मोन (Stress Harmone) भी कहा जाता है। ए बी ए बीज के विकास, परिपक्वता (muturation), प्रसुप्ति आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रसुप्ति को प्रेरित (inducing dormancy) करने के द्वारा ए बी ए बीज को जल शुष्कन (withstand dessication) तथा वृद्धि के लिए अन्य प्रतिकूल परिस्थिति से बचाव देता है। बहुत सारी परिस्थतियों में, ए बी ए, जिबरेलिन के लिए एक विरोधक (antagonist) की भूमिका निभाता है। |
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