A) साइटोकाइनिन
B) एब्सिसिक अम्ल
C) एथिलीन
D) उपर्युक्त में से कोर्इ नहीं
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - एथिलीन |
व्याख्या - एथीलिन एक साधारण गैसीय पादप वृद्धि नियामक (पी जी आर) है। यह जरावस्था (Undergoing senescence) को प्राप्त होते ऊतकों, पकते हुए फलों, पत्तियों के द्वारा भारी मात्रा में संश्लेषित की जाती है। एथीलिन पौधों की अनुप्रस्थध् क्षैतिज वृद्धि (horizontal growth), अक्षों में फुलाव (Swelling of axis) एवं द्विबीजपत्री निवेद्भिदों (dicot Seeding) में अंकुश संरचना (Apical structure) को प्रभावित करती है। एथीलिन जरावस्था (senescence) एवं विलगन (aAbscission) को मुख्यत: पत्तियों एवं फूलों में बढ़ाती है। यह फलों को पकाने में बहुत प्रभावी है। फलों के पकने के दौरान यह श्वसन की गति की वृद्धि करता है। श्वसन वृद्धि में गति की इस बढ़त को क्लाइमैक्टिक श्वसन कहते हैं। एथीलिन बीज तथा कलिका प्रसुप्ति (bud dormancy) को तोड़ती है, मूंगफली के बीज में अंकुरण को शुरू करती है तथा आलू के कंदों को अंकुरित (Sprouting of potatoes) करती है। एथीलिन गहरे पानी के धान के पौधों में पर्णवंत (Petiole) को तीव्र ध्रुवीकरण (elongation) के लिए प्रोत्साहित करता है। यह पत्तियों तथा प्ररोह के ऊपरी भाग को पानी से ऊपर रखने में मदद करता है। इसके साथ ही एथीलिन मूल वृद्धि तथा मूल रोमों को प्रोत्साहित करती हैय अत: पौधे को अधिक अवशोषण क्षेत्र प्रदान करने में मदद करती है। एथीलिन अनानास को पुष्पन तथा फल समकालिकता (Synchronising fruit) में सहायता करता है। इसके साथ ही आम को पुष्पित होने में प्रेरित करता है। एथीलिन अनेकानेक कार्यिकी प्रक्रियाओं (Physiological processes) को नियमित करता है, अत: यह कृषि में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाली पी जी आर है। सर्वाधिक व्यापक तौर पर इस्तेमाल होने वाला यौगिक एथिफॉन है। एथिफॉन जलीय घोल में आसानी से अवशोषित तथा पौधे के अंतर्गत संचारित होता है तथा धीरे-धीरे एथीलिन मुक्त करता है। एथिफॉन टमाटर एवं सेव के फलों के पकाने की गति को बढ़ाता है तथा फूलों एवं फलों में विलगन को तीव्रता प्रदान करता है (कपास, चेरी तथा अखरोट में विलगन)। यह खीरों में मादा पुष्पों को बढ़ाता है जिससे फसल की पैदावार में वृद्धि होती है। |
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