A) ऑस्थितिज ऊर्जा मुक्त होकर प्राप्यतम ऊर्जा बनती है।
B) प्राप्यतम ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है और संचित हो जाती है
C) भोजन ऑक्सीकृत होकर कार्बन डाइऑक्साइड और जल मुक्त करता है
D) ऑक्सीजन ली जाती है तथा कार्बन डाइऑक्साइड और जलवाष्प बाहर निकलते हैं
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - प्राप्यतम ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है और संचित हो जाती है |
व्याख्या - प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के परिणामस्वरूप ही पौधे स्वपोषी (autotrophic) जीव की श्रेणी में रखे जाते हैं। प्रकाश-संश्लेषण गतिज ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया भी कहलाती है। ग्लूकोज के एक मोल अणु में 686 किलो कैलोरी ऊर्जा या 2870 किलो जूल समाहित होती है। इस प्रक्रिया में पौधों द्वारा प्रति वर्ष 100 टेरावॉट की सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा का संचयन कार्बोहाइड्रेट अणुओं यथा शर्करा के रूप में होता है, जिनका संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड और जल की सहायता से किया जाता है। यह रासायनिक ऊर्जा एक प्रकार की स्थितिज ऊर्जा है, जो परमाणुओं व अणुओं के बंधन में संचित होती है। यह ऊर्जा बाद में पौधों की विभिन्न जैविक क्रियाओं में प्रयुक्त होती है। प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया दो चरणों में संपन्न होती है। पहले चरण में प्रकाश पर निर्भर प्रतिक्रियाओं के द्वारा प्रकाश की ऊर्जा ATP और NADPH के ऊर्जा-संग्रहित करने वाले अणुओं के निर्माण में उपयोग होती है। दूसरे चरण में प्रकाश के बिना अभिक्रियाओं द्वारा इन उत्पादों का प्रयोग कार्बन डाइऑक्साइड में कमी और शर्करा के संग्रहण में किया जाता है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec