A) राजराज प्रथम
B) राजराज द्वितीय
C) कुलोक्तंग तृतीय
D) राजेन्द्र प्रथम
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - राजराज द्वितीय |
व्याख्या - दारासुख का एरातेश्वर मन्दिर का निर्माण राजराज द्वितीय के शासनकाल में किया गया था। इसका अग्रमंडप में अलंकृत स्तम्भों के आधार पर महामंडप के सामने बना है। मडप पहियेदार रथ के समान है, जिसे हाथी द्वारा खींचा जाता हुआ दिखाया गया है। |
विशेष - इस मंदिर में विमान का शिखर पंचतल है, जिसका प्राकार ऊपर की ओर घटता गया है। मन्दिर की बाहरी दीवारों की ताख पर अनेक मूर्ति यां उत्कीर्ण हैं। यह मन्दिर भी चोलकालीन वास्तुकला तथा मूर्ति कला का एक श्रेष्ठ नमूना है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec