A) गुर्जरा में
B) अहरौरा में
C) ब्रह्मगिरी में
D) सारनाथ में
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - गुर्जरा में |
व्याख्या - मध्यप्रदेश के गुर्जरा नामक स्थान से 1924 ई. में सम्राट अशोक का एक शिलालेख प्राप्त हुआ था जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सम्राट अशोक के अब तक के प्राप्त अभिलेखों में या धर्मलिपियों में केवल मास्की के अभिलेख में ही अशोक का नाम देवानप्रिय की उपाधि के साथ मिला था। शेष मे सर्वत्र केवलं देवानांप्रिय दर्शी की उपाधि का ही उल्लेख है नाम का नही। |
टिप्पणी - गुर्जरा से प्राप्त नए अभिलेख में जो बेराठ , सहसराम, रूपनाथ, यरागुडी, राजुलमंडगिरी ओर ब्रहागिरि तथा मास्की के अभिलेख की ही प्रति है, अशोक का नाम उपाधि सहित दिया गया है। दैवानां पियसपियदसिनो अशोक राजस |
विशेष - इस प्रति के प्राप्त होने से इस अभिलेख के कई संशयग्रस्त पाठ स्पष्ट हो गये है। इसका मुख्य विषय है - अशोक 256 दिन की धर्म यात्रा तथा बोध धर्म के प्रचार के लिऐ उसका अनथक प्रयास। जिस चट्टान पर यह लेखं अंकित है वह गुर्जरा के निकट एक वन मे अवस्थित है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec