A) धनुर्धारी प्रकार
B) मयूर प्रकार
C) प्ररशु प्रकार
D) वीणावादन प्रकार
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - मयूर प्रकार |
व्याख्या - समुद्रगुप्त की विविध प्रकार की मुद्रायें उसके जीवन एवं कार्यों पर सुन्दर प्रकाश डालती हैं। उसकी कुल छ: प्रकार की स्वर्ण मुद्रायें हमें प्राप्त होती हैं। मुद्रा के 6 प्रकार गरुड़, धनुर्धारी, परशु, अश्वमेध, व्याघ्रहनन, वीणावादन आदि हैं। विशेष - गुप्त राजाओं ने गुजरात को विजित करने के उपरान्त चांदी के सिक्के चलाएं, जिन्हें रूपक कहा गया। यह विजय सम्भवत: चन्द्रगुप्त द्वितीय द्वारा शकों के विरुद्ध दर्ज की गई थी। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec