A) \[\oint{E\,.\,dA}=\frac{\theta }{{{\varepsilon }_{0}}}\]
B) \[\oint{B\,.\,dA}=0\]
C) \[\oint{B\,.\,dl}={{\mu }_{0}}{{i}_{e}}+{{\mu }_{0}}.{{\varepsilon }_{0}}.\frac{d\phi E}{dt}\]
D) \[\oint{E\,.\,dl}=\frac{-d\phi E}{dt}\]
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - \[\oint{B\,.\,dl}={{\mu }_{0}}{{i}_{e}}+{{\mu }_{0}}.{{\varepsilon }_{0}}.\frac{d\phi E}{dt}\] |
व्याख्या - मैक्सवेल ने विद्युत एवं चुम्बकीय गुण (चुम्बकत्व) के सभी नियमों को गणितीय सूत्रों में लिखकर चार समीकरण प्राप्त किये हैं। इन चार समीकरणों को मैक्सवेल की समीकरण कहते हैं। |
स्थिर विद्युत क्षेत्र के लिए गाउस की प्रमेय- किसी बन्द पृष्ठ से निर्गत विद्युत क्षेत्र का फ्लक्स उस क्षेत्र से परिबद्ध आवेशों के योग \[\sum{q}\] एवं \[{{\varepsilon }_{0}}\] के अनुपात के बराबर होता है। |
\[\oint\limits_{s}{{\vec{E}}}.\overrightarrow{dA}=\frac{\sum{q}}{{{\varepsilon }_{0}}}\] |
स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए गाउस की प्रमेय- इसमें स्वतंत्र उत्तरी ध्रुव या दक्षिणी ध्रुव प्राप्त नहीं होते अर्थात चुम्बक सदैव द्विध्रुव के रूप में ही होता है। अतः किसी बन्द पृष्ठ में कुल चुम्बकीय ध्रुव सामर्थ्य का योग सदैव शून्य होता है। |
\[\oint\limits_{s}{\vec{B}\,}.\overrightarrow{dA}=0\] |
फैराडे-हेनरी का नियम- विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण के लिए फैराडे के द्वितीय नियम के अनुस \[\oint\limits_{s}{{\vec{E}}}.\overrightarrow{dA}=-\oint{\frac{\overrightarrow{dB}}{dt}}\,.\,d\vec{A}\] इस समीकरण से परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न विद्युतीय क्षेत्र के बीच को सम्बन्ध प्राप्त होता है। |
एम्पियर-मैक्सवेल की समीकरण- एम्पियर के नियम से |
\[\oint\limits_{L}{\vec{B}\,}.\,\overrightarrow{dl}={{\mu }_{0}}.{{I}_{e}}+{{\mu }_{0}}.{{\varepsilon }_{0}}\oint{\frac{\overrightarrow{dE}}{dt}}\,.\,d\vec{A}\] |
यह समीकरण परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य संबंध प्राप्त होता है। |
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