A) हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत
B) पाउली का अपवर्जन नियम
C) हुण्ड का नियम
D) इनमें से कोर्इ नहीं
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर [a] हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत । |
व्याख्या - नील्स बोर मॉडल में इलेक्ट्रॉन को नाभिक के चारों ओर एक निश्चित वृत्ताकार कक्षा में गति करते हुए आवेशित कण के रूप में माना गया था। इसमें उसके तरंग जैसे लक्षणों के बारे में नहीं सोचा गया था। एक कक्षा एक निश्चित पथ होता ळे और इस पथ को पूरी तरह तभी परिभाषित माना जा सकता है, जब एक ही समय पर इलेक्ट्रॉन की सही स्थिति और सही वेग ज्ञात हो। हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत के अनुसार ऐसा संभव नहीं है। इस प्रकार हाइड्रोजन परमाणु का बोर मॉडल न केवल इलेक्ट्रॉन के दोहरे व्यवहार की उपेक्षा करता है, बल्कि हाइजेनबर्ग अनिश्चितता सिद्धांत का भी विरोध करता है। |
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