A) कार्बन डाइ-ऑक्साइड और नाइट्रोजन
B) कार्बन मोनो-ऑक्साइड और कार्बन डाइ-ऑक्साइड
C) ओजोन और कार्बन डाइ-ऑक्साइड
D) नाइट्रसऑक्साइड और सल्फर डाइ-ऑक्साइड
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - नाइट्रसऑक्साइड और सल्फर डाइ- ऑक्साइड |
व्याख्या- अम्ल वर्षा सल्फर डाइ-ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्सर्जित करने वाले औद्योगिक एवं परिवहन स्रोतों से उत्पन्न प्रदूषण (Pollution) के कारण होती है। |
अम्लवर्षा को कम करना- वायुमंडल में \[S{{O}_{2}}\]तथा \[N{{O}_{2}}\]के उत्सर्जन को कम करके अम्लवर्षा को कम किया जा सकता है। यातायात के व्यक्तिगत साधनों का कम प्रयोग करना चाहिए तथा शक्ति-संयंत्रों एवं उद्योगों में कम सल्फर मात्रा वाला जीवाश्म र्इधन काम में लेना चाहिए। हमें कोयले के स्थान पर प्राकृतिक गैस का प्रयोग या कम सल्फर से युक्त कोयले को र्इंधन के रूप में काम में लाना चाहिए। कार में उत्प्रेरकीय परिवर्तक उपयोग में लेने चाहिए, ताकि वह. वायुमंडल में उत्सर्जित धूम्र के प्रभाव को न्यूनतम कर सके। उत्प्रेरकीय परिवर्तन का प्रमुख अवयव सिरेमिक निर्मित मधुकोश होता है, जिस पर दुर्लभ धातुओं जैसे- पैलेडियम, प्लेटिनम तथा रोहिडियम की परत चढ़ी होती है। निर्गमित गैस, जिसमें बिना जला र्इंधन Co तथा \[NOx\] होते हैं, को जब 573K पर उत्प्रेरकीय परिवर्तक में से गुजारा जाता है, तब यह इन्हें \[C{{O}_{2}}\]तथा \[{{N}_{2}}\]में परिवर्तित कर देता है। मृदा में चूर्णिय चूना- पत्थर मिलाकर मृदा की अम्लीयता को कम कर सकते हैं। |
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