बौद्ध वास्तुकला के संदर्भ में निम्न कथनों में विचार करें - |
1. चैत्य गृह, जिन्हें प्राय: गुहा मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। |
2. पूजार्थक स्तूप को सम्भवत: चैत्य कहा जाता था। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - चैत्य गृह, जिन्हें प्राय: गुहा मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। बौद्ध धर्म में बुद्ध की मूर्ति के निर्माण का विधान न होने से बुद्ध के प्रतीक के रूप में स्तूप पूजे जाते थे। पूजार्थक स्तूप को सम्भवत: चैत्य कहा जाता था। चैत्य गृह ध्यान, वन्दना आदि के लिए प्रयोग होता था। चैत्य गृहों के समीप ही भिक्षु-भिक्षुणियों के निवास के लिए विहार का भी निर्माण होता था। |
टिप्पणी - चैत्य गृह प्राय: दो प्रकार के हुआ करते थे संरचनात्मक चैत्यगृह शैलकृत चैत्यगृह शैलकृत चैत्यगृह को भी दो भागों में बांटा जा सकता है हीनयान परम्परा से सम्बन्धित चैत्यगृह (ii) महायान परम्परा से सम्बन्धित चैत्यगृह दागोब - चैत्यों के अन्दर बने छोटे स्तूपों को दागोब कहा जाता था। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec