A) ब्रिटिश उद्योपतियों का दबाव।
B) भारतीय बुद्धिजीवियों द्वारा चलाया गया आंदोलन।
C) मजदूर आंदोलन।
D) र्इसार्इ मिशनरियों का दबाव
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - ब्रिटिश उद्योपतियों का दबाव। व्याख्या - 19वीं सदी भारत की ब्रिटिश सरकार पूंजीपतियों की समर्थक थी। कारखानों की गिरती स्थिति के कारण ब्रिटिश सरकार को कुछ कदम उठाने पड़े। ब्रिटेन के उद्योगपति श्रम सुधारों के लिये दबाव डाल रहे थे क्योंकि उन्हें भय था कि भारत में मजदूरी कम होने के कारण भारतीय उद्योगपति भारतीय बाजार में उन्हें जल्द ही प्रतियोगिता में उनसे आगे निकल जाएंगे।You need to login to perform this action.
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